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Euro 2024: यूरो 2024 में हो रहा नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, बॉल में लगी चिप बताती है एक दम सटीक स्थिति

यूरो कप 2024 का आगाज 14 जून से हो चुका है जिसमें 10 अलग-अलग शहरों में 24 टीमें हिस्सा ले रही है। 14 जून से 14 जुलाई तक ये टूर्नामेंट चलने वाला है जिसमें इस बार खासतौर पर कई नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बार एआई ड्रिवन लिंब ट्रैकिंग चिप वाली बॉल सेमी ऑटोमेटेड वीएआर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

By Priyanka Joshi Edited By: Priyanka Joshi Published: Tue, 18 Jun 2024 04:51 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2024 04:51 PM (IST)
Euro 2024: यूरो 2024 में हो रहा नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। यूरो कप 2024 (Euro 2024) का आगाज जर्मनी में 14 जून से हो चुका है। इस टूर्नामेंट में 10 अलग-अलग शहरों में 24 टीमों के बीच 51 मैच खेले जाने है। 14 जुलाई तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में इस बार एडवान्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इस बार खासतौर से एआई ड्रिवन लिंब ट्रैकिंग, चिप वाली बॉल, सेमी ऑटोमेटेड वीएआर और गेंद पर नजर रखने वाली हॉक आई जैसी फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जा रही है। ऐसे में जानते हैं इन टेक्नोलॉजी को डिटेल से।

1. वीएआर

वीएआर रूम में ऑफिशियल्स अलग-अलग एंग्लस से एक्शन के वीडियो रिप्ले देखते हैं ताकि जो रेफरी की नजर में भी ना आ सके, उस वह दोबारा देखकर सही फैसला ले सकें। वीएआर में रिप्ले देखे जाते हैं ताकि वह इनसाइट ले सकें जो संभवत: रेफरी द्वारा छूट गई हैं।

2. हॉक आई

फुटबॉल के मिनी विश्व कप यूरो 2024 में हॉक आई से ये पता चलता है कि गेंद गोल लाइन को पार कर गई या नहीं। यूरो 2024 के जिन मैदानों में मैच हो रहे हैं, वहां हॉकआई के 4-14 कैमरे लगे हैं, जिसमें गेंद की सटीक स्थिति पता चलती है।

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3. सेमी ऑटोमेटेड ऑफसाइड

यूरो 2024 जिन स्टेडियम में हो रहा है, उसमें कैमरे फुटबॉलर्स के शरीर की हर हरकत को ट्रैक करते हैं। कैमरे हर प्लेयर के शरीर के 29 प्वाइंट्स पर नजर रखते हैं और हर सेंकड 50 बार डेटा भेजते हैं।

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4. 'Snicko' टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

हर बॉल में चिप लगी है जो उसकी स्पीड की सटीकता के साथ जानकारी देती है। कनेक्टिड बॉल टेक्नोलॉजी में माइक्रोचिप एडिडास गेंद में लगी है, जिससे हर सेकंड 500 बार बॉल को ट्रैक किया जा सकता है।

5. ज्यादा जल्दी मैच खत्म करने पर फोकस

फीफा विश्व कप और प्रीमियर लीग सीजन की तरह इस टूर्नामेंट में ज्यादा लंबे स्टोपेज टाइम नहीं है। यूरो में 100 मिनट तक मैच नहीं चलता। रेफरी जो मैच के दौरान सेलिब्रेशन करते वक्त और सब्सट्यूटिशन के दौरान बर्बाद हुए समय को बाद में एड नहीं करेगा। फोकस जल्द-से-जल्द गेम खत्म करने पर होगा।


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