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टीम को जिताकर जिंदगी हार गए ओडिशा के गोलकीपर, जश्न के दौरान उठा था सीने में तेज दर्द; हार्ट अटैक से हुई मौत

पोटला इलेवन ओडिशा और गेंगचुपा एफसी दिल्ली के बीच क्वार्टर फाइनल का मुकाबला खेला गया जोकि करीब 10 बजे समाप्त हुआ। इसमें ओडिशा की टीम 8-3 से विजयी रही। खिलाड़ी जीत का जश्न मना रहे थे कि गोलकीपर तेंजिन तोकदेन के सीने में तेज दर्द होने लगा। उन्हें मैदान में ही ऑक्सीजन दी गई लेकिन इसके बावजूद वह बेसुध हो गए।

By Jagran News Edited By: Umesh Kumar Published: Wed, 26 Jun 2024 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2024 08:23 AM (IST)
ओडिशा के गोलकीपर की हार्ट अटैक से हुई मौत।

जागरण संवाददाता, देहरादून। तिब्बती कम्युनिटी की ओर से देहरादून में आयोजित 40 प्लस नेशनल एपीएफए गोल्ड फुटबॉल कप चैंपियनशिप में ओडिशा की टीम ने मैच तो जीत लिया, लेकिन इसके तुरंत बाद सीने में दर्द की शिकायत के कारण उनके गोलकीपर तेंजिन तोकदेन का निधन हो गया। चिकित्सकों ने हृदयगति रुकने से निधन होने की बात कही।

तेंजिन को डायबिटीज की समस्या भी थी। ओडिशा से पहुंचे स्वजन बिना किसी कानूनी कार्रवाई के मंगलवार को शव ले गए। देहरादून में क्लेमेनटाउन स्थित तिब्बती स्कूल के मैदान में आयोजित चैंपियनशिप के समापन के एक दिन पहले सोमवार को यह घटना हुई। ओडिशा की टीम ने 44 वर्षीय गोलकीपर तेंजिन तोकदेन के दम पर ही चार मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।

सीने में उठा था तेज दर्द

सोमवार सुबह पोटला इलेवन ओडिशा और गेंगचुपा एफसी दिल्ली के बीच क्वार्टर फाइनल का मुकाबला खेला गया, जोकि करीब 10 बजे समाप्त हुआ। इसमें ओडिशा की टीम 8-3 से विजयी रही। खिलाड़ी जीत का जश्न मना रहे थे कि गोलकीपर तेंजिन तोकदेन के सीने में तेज दर्द होने लगा। उन्हें मैदान में ही ऑक्सीजन दी गई, लेकिन इसके बावजूद वह बेसुध हो गए। इस पर आयोजकों ने उन्हें तत्काल समीप के तिब्बती अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से आयोजक और सभी खिलाड़ियों में शोक व्याप्त है।

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डॉक्टर ने की पुष्टि

देहरादून, मेडिकल कॉलेज के डा. अमर उपाध्याय, वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट ने कहा, हृदयाघात में मरीज को आधे घंटे या उससे ज्यादा छाती में दर्द होता है। दर्द बाएं हाथ की ओर जाता है और साथ ही काफी पसीना आता है। अगर समय रहते इसका उपचार न हो तो कार्डियक अरेस्ट में तब्दील हो सकता है। वेंट्रीक्यूल एरिथमिया (अनियमित दिल की धड़कन) को नजरंदाज करना भी जोखिम भरा साबित हो सकता है।

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