गुजरात वापस पहुंचा भारतीय मछुआरे का शव, कई सालों से पाकिस्तानी जेल में था बंद; पढ़ें पूरा मामला
पाकिस्तानी जेल में भारतीय मछुआरा मारा गया। अब गुजरात के जूनागढ़ जिले में मछुआरे का शव पैतृक गांव नानावड़ा में उसके परिवार को सौंप दिया गया। पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। 31 साल के मछुआरे का शव जिसकी पिछले महीने पाकिस्तानी जेल में मौत हो गई थी गुजरात के जूनागढ़ जिले में उसके पैतृक गांव नानावड़ा में उसके परिवार को सौंप दिया गया।
पीटीआई, पोरबंदर: पाकिस्तानी जेल में भारतीय मछुआरा मारा गया था। अब गुजरात के जूनागढ़ जिले में मछुआरे का शव पैतृक गांव नानावड़ा में उसके परिवार को सौंप दिया गया। पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है। 31 साल के मछुआरे का शव, जिसकी पिछले महीने पाकिस्तानी जेल में मौत हो गई थी, गुजरात के जूनागढ़ जिले में उसके पैतृक गांव नानावड़ा में उसके परिवार को सौंप दिया गया।
मृतक की पहचान पोरबंदर के निवासी हरिभाई सोसा के रूप में हुई है। उन्हें 2021 की शुरुआत में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तरफ से पकड़े जाने के बाद तीन साल से अधिक समय तक कराची में कैद रखा गया था। उन्हें अरब सागर में मछली पकड़ने के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास गिरफ्तार किया गया था।
सांस रुकने से हुई थी मौत
अधिकारियों के मुताबिक, 25 अक्टूबर को कराची की जेल में सोसा की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। शव को पंजाब में अटारी सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया और अहमदाबाद ले जाया गया, जहां से रविवार रात को सड़क मार्ग से नानावड़ा गांव ले जाया गया।पोरबंदर के मत्स्य पालन अधिकारी आशीष वाघेला ने कहा, सोसा को अन्य मछुआरों के साथ पोरबंदर तट पर मछली पकड़ते समय पाकिस्तान मरीन ने रोक लिया और कराची ले जाया गया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से प्रदान की गई अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि सोसा की मृत्यु हृदय गति रुकने से हुई।"
2021 में पूरी हो गई थी सजा
आशीष सोसा नाम के एक कार्यकर्ता ने बताया, सोसा की सजा जुलाई 2021 में पूरी हो गई। फिर भी, भारत और पाकिस्तान के बीच 2008 के द्विपक्षीय समझौते के बावजूद उसे रिहा नहीं किया गया, जिसमें कहा गया था कि ऐसे दोषियों को उनकी सजा काटने के एक महीने के भीतर और उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि होने के बाद वापस भेज दिया जाना चाहिए, जो भारतीय मछुआरों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।देसाई के मुताबिक, 2023 में पांच भारतीय मछुआरों की पाकिस्तानी हिरासत में मौत हो गई और इस साल अब तक तीन की मौत हो चुकी है। देसाई ने कहा, पिछले एक दशक में पाकिस्तानी जेलों में कुल 26 मछुआरों की जान गई है। उन्होंने कहा कि 212 मछुआरे, जिनमें से ज्यादातर गुजरात से और कुछ महाराष्ट्र और दीव से हैं, वर्तमान में पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।