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    गुरुग्राम में पुराने वाहनों का बाजार, नियमों की अनदेखी से अपराध का खतरा

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 03:12 AM (IST)

    गुरुग्राम में पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त में नियमों का उल्लंघन हो रहा है। दिल्ली में कार विस्फोट के मामले के बाद पता चला कि पुराने वाहनों का इस्तेमाल अपराधों में हो रहा है। आरटीए और यातायात पुलिस की लापरवाही के कारण पुराने वाहनों की बिक्री बिना किसी निगरानी के हो रही है, जिससे अपराधियों को फायदा हो रहा है। नाम हस्तांतरण की प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे जोखिम बढ़ रहा है।

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    गुरुग्राम में पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त में नियमों का उल्लंघन हो रहा है।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। सोमवार रात दिल्ली में जिस कार में विस्फोट हुआ, उसकी कई बार खरीद-फरोख्त हो चुकी थी। इसे सबसे पहले गुरुग्राम के शांति नगर निवासी सलमान ने खरीदा था। इसके बाद यह कई खरीदारों से होते हुए एक आतंकवादी तक पहुंची। पुराने वाहनों का इस्तेमाल अक्सर आतंकवादी घटनाओं और अन्य बड़े अपराधों में किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विभाग पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त पर निगरानी नहीं रखता और अपराधी नियमों की इसी अनदेखी का फायदा उठाते हैं।

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    केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार, पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त आरटीए की निगरानी में होनी चाहिए। लेकिन, आरटीए और यातायात पुलिस की लापरवाही के कारण पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त बिना किसी नियम के हो रही है। गुरुग्राम में कई जगह चौराहों पर पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त होती है। पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त के लिए निर्धारित स्थान हैं। दोनों ही मामलों में वाहन मालिक को आरटीए को सूचित करना होगा।

    नियमों के अनुसार, खरीदार को वाहन अपने नाम पर ट्रांसफर करना होगा। इसके लिए दोनों पक्षों को आरटीए कार्यालय जाकर प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यहाँ, आरटीए बकाया करों, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण और पहचान पत्र के सत्यापन के आधार पर नाम हस्तांतरण की अनुमति देता है। हालाँकि, इस नियम की अनदेखी की जा रही है। बाजार में सेकेंड-हैंड वाहन बेचते समय, खरीदारों को आरसी बुक तो दे दी जाती है, लेकिन नाम हस्तांतरण फॉर्म पर हस्ताक्षर करके उसे सौंप दिया जाता है।

    नतीजतन, अधिकांश पुराने वाहन बिना नाम हस्तांतरण के ही चल रहे हैं। कई बार लोग समझौता करके केवल स्टाम्प पेपर पर लिखकर वाहन बेच देते हैं। इससे उनकी और दूसरों की जान जोखिम में पड़ जाती है। गुरुग्राम में, पुराने वाहनों के बाजार बस स्टैंड, पुरानी दिल्ली रोड, महरौली रोड, सेक्टर 14, व्यापार भवन, सेक्टर 12, सेक्टर 17, सेक्टर 23 और सेक्टर 45 में स्थित हैं।

    विक्रेता की जिम्मेदारी

    पुराने वाहनों के नाम हस्तांतरण की ज़िम्मेदारी विक्रेता की होती है। यदि वाहन किसी दुर्घटना, चोरी या अन्य आपराधिक अपराध में ज़ब्त हो जाता है, तो पूरी ज़िम्मेदारी वाहन मालिक की होती है। आरटीए और ट्रैफ़िक पुलिस की लापरवाही आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। अपराधी आसानी से सेकेंड-हैंड वाहन खरीद सकते हैं और उनका दुरुपयोग कर सकते हैं। नियमों की अनदेखी से बड़ी आपराधिक घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

    इस साल 200 से अधिक चोरी के वाहन जब्त

    हर साल गुरुग्राम से बड़ी संख्या में वाहन चोरी होते हैं। चोर गुरुग्राम से वाहन चुराकर नूंह और आसपास के ज़िलों में लोगों को बेचते हैं। इस साल भी, गुरुग्राम पुलिस ने गुरुग्राम से चोरी हुए 200 से ज़्यादा दोपहिया और चार पहिया वाहन बरामद किए हैं। पिछले साल 102 चोरों को गिरफ्तार किया गया था और 250 से ज़्यादा वाहन ज़ब्त किए गए थे।