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    NCR के इस इलाके में खुले में कूड़ा डालने वाले लोग हो जाएं सचेत, वरना भुगतना पड़ेगा खामियाजा

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 08:09 AM (IST)

    नगर निगम ने खुले में कूड़ा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। पहली बार पकड़े जाने पर 5,000 से 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। प्राधिकरण ने नागरिकों से निर्धारित स्थानों पर ही कूड़ा डालने और स्वच्छता बनाए रखने की अपील की है।

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    नगर निगम ने खुले में कूड़ा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

    जागरण संवाददाता, मानेसर। नगर निगम क्षेत्र में खुले में कूड़ा डालने और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वालों का ऑनलाइन चालान किया जाएगा। नगर निगम ने आईडीएफसी बैंक के सहयोग से यह योजना शुरू की है। बैंक ने निगम को 30 प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें उपलब्ध कराई हैं।

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    आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में सफाई कार्यों की निगरानी के लिए एचकेआरएन के माध्यम से 30 सहायक सफाई निरीक्षकों की भर्ती की गई है। सभी निरीक्षकों को गांव आवंटित किए गए हैं। वे इन गांवों में सफाई संबंधी कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें सफाई एजेंसी के कर्मचारियों की उपस्थिति रिपोर्ट और संसाधनों की निगरानी शामिल है। सभी सहायक सफाई निरीक्षकों को मशीनें प्रदान की गई हैं और उन्हें चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है।

    इन मशीनों का उपयोग करके, सहायक सफाई निरीक्षक खुले में कूड़ा डालने, पॉलीथिन का उपयोग करने, कूड़ा जलाने, एसटीपी का पानी खुले में डालने और अन्य प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल लोगों के ऑनलाइन चालान जारी करेंगे। सभी पीओएस मशीनें इन निरीक्षकों को आवंटित की गई हैं। सहायक सफाई निरीक्षकों के आने के बाद से निगम क्षेत्र में सफाई कार्यों में प्रगति देखी गई है। आयुक्त ने बताया कि पिछले महीने इन निरीक्षकों ने कुल ₹176,000 के चालान काटे।

    उन्होंने लगभग 37 किलोग्राम पॉलीथिन ज़ब्त की और 283 चालान काटे। इन चालानों से निगम के राजस्व में ₹142,000 का योगदान हुआ। इसी तरह, खुले में कचरा फेंकने वालों के 57 चालान काटे गए, जिनसे लगभग ₹35,000 की राशि वसूल की गई। पीओएस मशीनों की उपलब्धता के साथ, अब ऐसे सभी चालान ऑनलाइन संसाधित किए जाएँगे। चालान पर्चियाँ तुरंत जारी की जाएँगी। भुगतान नकद, यूपीआई या कार्ड से भी किया जा सकता है। प्रत्येक मशीन द्वारा जारी किए गए चालानों की संख्या पर भी आसानी से नज़र रखी जा सकेगी।