40 करोड़ बजट से बन रहे बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल में अब डाक्टरों की कमी दूर होने की जगी उम्मीद
सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी तो दूर हो गई है। हाल ही में यहां पर 25 से ज्यादा नर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। अब यहां पर डाक्टरों की कमी दूर होने का इंतजार है। इस अस्पताल को 200 बेड का दर्जा मिला हुआ है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बहादुरगढ़ में बन रहे अत्याधुनिक सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ की कमी तो दूर हो गई है। हाल ही में यहां पर 25 से ज्यादा नर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। अब यहां पर डाक्टरों की कमी दूर होने का इंतजार है। इस अस्पताल को 200 बेड का दर्जा मिला हुआ है। 40 करोड़ से ज्यादा कीमत से सिविल अस्पताल परिसर में छह मंजिला इमारत तैयार हो रही है। जब यह इमारत स्वास्थ्य विभाग के हैंडओवर होगी, तो यहां पर कई सुविधाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए पहले से ही स्टाफ नर्स की ज्वाइनिंग की गई है।
यहां पर एक सप्ताह के अंदर 25 से ज्यादा नर्सिंग कर्मचारियों को इस अस्पताल में तैनात किया गया है। सरकार की ओर से 1200 डाक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी की गई है। जल्द ही इन डाक्टरों की अस्पतालों में नियुक्ति होगी। ऐसे में यहां पर डाक्टरों की कमी दूर होने की उम्मीद है। दरअसल, बहादुरगढ़ के इस सिविल अस्पताल में डाक्टरों के जितने पद हैं, उनमें से आधे ही भरे हैं।
इसी कारण डाक्टराें की भारी कमी चल रही है। इससे मरीज परेशान हैं। जो इलाज की उम्मीद में आते हैं, उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। इन हालात में अस्पताल प्रबंधन ने कुछ दिन पहले 30 डाक्टरों की डिमांड भेजी थी। मेडिकल आफिसर के 55 पद स्वीकृत हैं। इनमें से कागजों में 35 हैं, लेकिन उनमें से भी 10 या तो लंबे समय से गैर हाजिर हैं या फिर रिजाइन कर चुके हैं। ड्यूटी पर तो 25 ही हैं।
ओपीडी में आ रहे हैं एक हजार मरीज
अस्तपाल में इस समय करीब एक हजार मरीज रोजाना आ रहे हैं। हालांकि पहले यह संख्या डेढ़ हजार तक होती थी, लेकिन डाक्टरों की कमी के कारण घट गई। वैसे भी जितने मरीज आ रहे हैं, उनको मुकम्मल इलाज नहीं मिल पा रहा है। डाक्टरों की कमी के कारण ही विशेषज्ञ चिकित्सकों को पोस्टमार्टम और इमरजेंसी की ड्यूटी भी करनी पड़ती है। इस कारण ओपीडी की सेवाएं प्रभावित होती हैं। वहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को डाक्टर नहीं मिल पाते।
अस्पताल प्रबंधन ने यहां पर फिजिशियन चार, सर्जन दो, बाल रोग विशेषज्ञ तीन, स्त्री रोग विभाग में तीन डाक्टरों की डिमांड की है। इसके अलावा फोरेंसिक एक्सपर्ट और एक मनोरोग विशेषज्ञ की भी डिमांड भेज रखी है। माइक्रो बायोलोजिस्ट दो और एक पेथोलोजिस्ट की भी जरूरत है। इसके अलावा ईएनटी और त्वचा रोग विभाग में एक-एक डाक्टर की डिमांड की है। आठ मेडिकल आफिसर की भी डिमांड की है। अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डा. देवेंद्र मेघा का कहना है कि जल्द ही डाक्टरों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

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