हरियाणा में बारिश बनी मुसीबत, सिरसा में तीन जगह गिरी छत; 12 भेड़-बकरियां मरी
हरियाणा में मानसून की वर्षा से कई जिलों में जलभराव हुआ है। सिरसा में मकान की छत गिरने से दंपती घायल हो गए और पशु बाड़ा गिरने से कई भेड़-बकरियां मर गईं। हिसार में ड्रेन टूटने से किसानों की फसलें डूब गईं। मौसम विभाग ने छह जिलों में वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में मानसून की वर्षा हो रही है। बुधवार को 12 जिलों में वर्षा हुई। वर्षा ज्यादा होने के कारण सिरसा के ऐलनाबाद, कालांवाली और डबवाली के गांव पन्नीवाला मोरिका में मकान की छत गिर गई। गांव पन्नीवाला मोरिका में चाय पी रहे दंपती भी घायल हो गए। सिरसा के मसीपा में डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी टूटी। गांव पन्नीवाला मोरिका में माइनर टूटने से खेतों में जलभराव हो गया।
वर्षा में पशु बाड़ा गिरने से गंगा-गांव में आठ और झोरड़ नाली में 12 भेड़-बकरियां मर गई। हिसार में भी वर्षा का पानी ज्यादा आने और किसानों की तरफ से ड्रेन में पानी डालने से ओवरफ्लो होने के चलते ड्रेन टूट गई। इससे करीब डेढ़ हजार एकड़ में खड़ी फसल डूब गई। दूसरी तरफ, मौसम विज्ञानियों ने वीरवार को भी प्रदेश के छह जिलों में वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से लगातार वर्षा का अलर्ट जारी किया जा रहा है। मंगलवार रात को प्रदेश में कई जगह पर वर्षा हुई। वर्षा से सिरसा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वहां पर फसलों में वर्षा का पानी भरने से नुकसान हो रहा है। ज्यादा असर कपास पर आया है।
किसान पंप लगाकर कपास के खेत में भरे पानी को बाहर निकाल रहे हैं। गनीमत रही कोई जान-माल की हानि नहीं हुई। डबवाली के गांव पन्नीवाला मोरिका में छत गिरने से घायल दंपती को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
किसानों के लिए बन रही आफत
सिरसा जिले में तीन दिन से लगातार हो रही वर्षा अब आमजन व किसानों के लिए आफत बन रही है। लगातार बरस रहे पानी से फसलों में जलभराव हो गया है, जिससे फसलें प्रभावित होना शुरू हो गई हैं। बड़ागुढ़ा क्षेत्र के गांव सुखचैन, झिड़ी, अलीकां, बप्पां, मल्लेवाला, नेजाडेला, नागोकी में नरमा की फसल को नुकसान हो रहा है। कई गांवों में किसान ट्रैक्टर पर बरमा लगाकर खेतों से पानी निकाल रहे हैं। वहीं, ऐलनाबाद में वर्षा की वजह से एक विधवा के घर की छत गिर गई जिसके मलबे में दबकर घरेलू सामान टूट गया है।
इन जिलों में येलो अलर्ट
पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, मेवात व पलवल।
इन जिलों में वर्षा की संभावना
सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, पानीपत व सोनीपत।
यमुनानगर व कैथल में वर्षा, कई जिलों में बूंदाबांदी
बुधवार को यमुनानगर और कैथल में तेज वर्षा हुई। वहीं, पानीपत, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला में बूंदबांदी हुई। यमुानगर के जगाधरी में सबसे ज्यादा 41 एमएम वर्षा दर्ज की गई। यमुनानगर जिले में 9.42 एमएम औसत वर्षा हुई। वहीं कई जिलों में बूंदाबांदी होने से उमस की स्थिति बन गई जिससे लोगों को गर्मी से परेशान होना पड़ा। वर्षा ने यमुनानगर में प्रशासन के पानी निकासी के दावों की पोल खोल दी।
नाली व नाले चौक होने की वजह से घंटे तक सड़कों पर जल जमाव की स्थिति बनी रही। बुधवार को हथनीकुंड बैराज पर पानी का बहाव 20,868 क्यूसेक रहा। वहीं कैथल में बुधवार अल सुबह हुई वर्षा से सड़कों पर जलजमाव हो गया। इससे धान की फसल को फायदा हुआ है। कैथल में 26, सीवन में 18 और गुहला ब्लाक में आठ एमएम वर्षा हुई है।
कैथल जिले की औसतन वर्षा 12.16 एमएम दर्ज की गई। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग ने पहले ही वर्षा का अलर्ट जारी कर दिया था। 17 जुलाई को भी जिले और आसपास के क्षेत्रों में हवाओं के और गरज के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, कहीं -कहीं पर ज्यादा वर्षा भी हो सकती है।

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