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    हरियाणा में हो रही 1200 नए डाक्टरों की नियुक्ति, बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल को भी मिले 15 नए चिकित्सक

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2022 02:37 PM (IST)

    बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में डाक्टरों के भर्ती होने से मरीजरों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां डाक्टराें की भारी कमी रही है। इससे मरीज परेशान ही हुए हैं। फिलहाल जितने डाक्टर यहां तैनात किए गए हैं व्यवस्थाएं ठीक हो सकेंगी।

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    बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल में नए डाक्टरों की भर्ती।

    बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के बाद अब डाक्टरों की कमी दूर हुई है। यहां पर 15 डाक्टरों की नियुक्ति की गई है। इससे पहले यहां नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति की गई थी। इस अस्पताल को 200 बेड का दर्जा मिला हुआ है। 40 करोड़ से ज्यादा कीमत से सिविल अस्पताल परिसर में छह मंजिला इमारत तैयार हो रही है। जब यह इमारत स्वास्थ्य विभाग के हैंडओवर होगी, तो यहां पर कई सुविधाएं शुरू की जाएंगी। इसके लिए पहले से ही स्टाफ नर्स की ज्वाइनिंग की गई है। हालांकि डाक्टरों की यहां पर डिमांड थी।

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    दरअसल, बहादुरगढ़ के इस सिविल अस्पताल में डाक्टरों के जितने पद हैं, उनमें से आधे ही भरे थे। इसी कारण काफी समय तक यहां डाक्टराें की भारी कमी रही है। इससे मरीज परेशान ही हुए हैं। फिलहाल जितने डाक्टर यहां तैनात किए गए हैं उनमें विशेषज्ञ तो न के बराबर हैं, लेकिन इससे दूसरी व्यवस्थाएं ठीक हो सकेंगी। इमरजेंसी में जो विशेषज्ञ डाक्टरों की ड्यूटी लगती रही है  वह नहीं लगेगी। ऐसे में ओपीडी में मरीजों को परेशानी नहीं होगी।

    जो इलाज की उम्मीद में आते हैं, उन्हें वापस लौटना नहीं पड़ेगा। इन हालात में अस्पताल प्रबंधन ने कुछ दिन पहले 30 डाक्टरों की डिमांड भेजी थी। यहां पर मेडिकल आफिसर के 55 पद स्वीकृत हैं। इनमें से कागजों में 35 ही थे। उनमें से भी 10 या तो लंबे समय से गैर हाजिर रहे या फिर रिजाइन कर गए हैं। ड्यूटी पर तो 25 ही रहे। अब यह संख्या 40 तक पहुंच गई है।

    ओपीडी में आ रहे हैं एक हजार मरीज

    अस्तपाल में इस समय करीब एक हजार मरीज रोजाना आ रहे हैं। हालांकि पहले यह संख्या डेढ़ हजार तक होती थी। जितने मरीज आ रहे हैं, उनको मुकम्मल इलाज नहीं मिल पा रहा था।। डाक्टरों की कमी के कारण ही विशेषज्ञ चिकित्सकों को पोस्टमार्टम और इमरजेंसी की ड्यूटी भी करनी पड़ती रही है। इस कारण ओपीडी की सेवाएं प्रभावित होती रही। वहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को डाक्टर नहीं मिल पाते थे।

    अस्पताल प्रबंधन ने यहां पर फिजिशियन चार, सर्जन दो, बाल रोग विशेषज्ञ तीन, स्त्री रोग विभाग में तीन डाक्टरों की डिमांड की थी। इसके अलावा फोरेंसिक एक्सपर्ट और एक मनोरोग विशेषज्ञ की भी डिमांड भेज रखी थी। माइक्रो बायोलोजिस्ट दो और एक पेथोलोजिस्ट की भी जरूरत है। इसके अलावा ईएनटी और त्वचा रोग विभाग में एक-एक डाक्टर की डिमांड की है। आठ मेडिकल आफिसर की भी डिमांड की थी। हालांकि अभी जितने डाक्टर यहां आए है , उनमें फोरेंसिक एक्सपर्ट को छोड़कर बाकी एमबीबीएस डाक्टर ही हैं।