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    Delhi Blast: खुलेआम हो रही अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री! कौन रख रहा है रिकॉर्ड; डीलर, विभाग या कोई नहीं?

    By Mohammad HaroonEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Fri, 14 Nov 2025 10:17 AM (IST)

    अल फलाह यूनिवर्सिटी के आतंकी की गिरफ्तारी के बाद अमोनियम नाइट्रेट चर्चा में है, जो खाद विक्रेताओं के पास आसानी से मिलता है। कृषि विभाग के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता। यह खाद सब्जी, बागवानी और खनन में इस्तेमाल होता है। जिले में 350 से अधिक खाद विक्रेता हैं, लेकिन विक्रेता नियमों का पालन नहीं करते। कृषि विभाग के अनुसार, अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग कृषि और बागवानी में होता है, और विक्रेताओं के रिकॉर्ड की जांच होती रहती है।

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    मोहम्मद हारून, नूंह। अल फलाह यूनिवर्सिटी के सफेदपोश आतंकी डाॅ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी और उसके द्वारा जमा किया गया अमोनियम नाइट्रेट चर्चा में है। आतंकी अमोनियम नाइट्रेट में अन्य रसायनिक पदार्थों का मिश्रण कर विस्फोटक तैयार करते थे और फिर इसके जरिए धमाके करते थे।

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    इस अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में खाद के अलावा पहाड़ों में खनन के कार्य के लिए किया जाता है। अमोनियम नाइट्रेट आसानी से खाद विक्रेताओं के पास मिल जाती है। खाद बेचने का लाइसेंस कृषि विभाग जारी करता है। हालांकि अमोनियम नाइट्रेट का रिकार्ड कृषि विभाग के पास भी नहीं होता। इसका रिकाॅर्ड खुद डीलर को ही रखना होता है।

    इसमें खाद बेचने वाले डीलर को जहां से यह खरीदा गया है और जिसको बेचा है, उसका बिल व अन्य कागजात अपने पास सबूत के तौर पर रखने अनिवार्य होते हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अमोनियम नाइट्रेट को जिस भी किसान को बेचा जाता है। उसे आधार कार्ड देख कर एक प्रति अपने पास रखने तथा पूरी डिटेल लेने के बाद ही ग्राहक को दिया जाता है लेकिन अक्सर खाद विक्रेता नियमों की पालना नहीं करते हैं।

    यहां तो आसानी से उपलब्ध हो जाता है अमोनियम नाइट्रेट

    मेवात में लगभग 350 अधिकृत खाद विक्रेताओं के कृषि विभाग की तरफ से लाइसेंस जारी किए हुए। इसके अलावा खाद के अधिकृत 27 होल सेल डीलर है। इनमें तीन फिरोजपुर झिरका, एक नगीना, तीन पिनगवां, छह पुन्हाना, चार नूंह, पांच तावड़ू में हैं। इसके अलावा सरकारी एजेंसियों भी क्रय-विक्रय से जुड़ी हैं।

    खनन,  कृषि व बागवानी में भी होता है अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल 

    नूंह जिला अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है। यहां पर खनन पर 2002 से पाबंदी है, बावजूद इसके पिछले कुछ समय में फिरोजपुर झिरका, पिनगवां व तावड़़ू क्षेत्र में अवैध रूप सें खनन कार्य हो रहा है। खनन कार्यों से जुड़े सूत्रों के अनुसार अवैध खनन करने वाले इसे पत्थर तोड़ने के लिए इस्तेमाल करते थे। जो उन्हें आसानी से मिल जाता था।

    नूंह से सटे राजस्थान में खनन पर कोई पाबंदी नहीं है। वहां पर इसकी मात्रा काफी संख्या में खनन से जुड़े लोगों के पास होती है। कृषि विभाग के उप निदेशक विरेंद्र आर्य ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट को कृषि, बागवानी में खाद के इस्तेमाल के रूप में किया जाता है।

    कृषि विभाग के पास ऐसी कोई पुख्ता जानकारी नहीं होती कि जिले में अमोनियम नाइट्रेट की कितनी खरीद-बिक्री होती है। हां, यह जरूर है कि यहां पर सब्जी बागवानी ज्यादा होती है। इसलिए कुछ खाद विक्रेता अपने जरूरत के हिसाब से इसे बेचने का काम करते हैं। विभाग की ओर से यह दावा किया जाता है कि समय-समय पर खाद विक्रेताओं के रिकार्ड की जांच होती रहती है।

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