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हरियाणा विधानसभा की 13 कमेटियों में 76 विधायकों को मिली जिम्मेदारी, स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने सभी दलों में ऐसे साधा संतुलन

हरियाणा विधानसभा की विभिन्न समितियों के गठन में स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने सभी 76 विधायकों को समायोजित किया है। कमेटियों के गठन में सभी दलों के विधायकों में संतुलन साधने का प्रयास किया गया है। विधायकों को उनकी रुचि और योग्यता के अनुसार जिम्मेदारी सौंपी गई है। विधानसभा स्पीकर का कहना है कि समितियां विधायिका की प्रभावशीलता में सुधार करने में मदद करेंगी।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 25 Nov 2024 06:06 PM (IST)
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हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंद्र कल्याण, फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की विभिन्न समितियों का गठन करते हुए स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने सभी 76 विधायकों को इनमें समायोजित किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कमेटियों का गठन करते हुए सभी दलों के विधायकों में संतुलन साधने का काम किया है, लेकिन तीन निर्दलीय और दो इनेलो विधायकों में किसी को कमेटी का चेयरमैन नहीं बनाया गया है। हालांकि उन्हें कमेटियों के सदस्यों के रूप में जरूर पूरा मान सम्मान दिया गया है।

इन कमेटियों के गठन की खास बात यह रही कि विधायकों को उनकी रुचि और योग्यता का ध्यान रखते हुए जिम्मेदारी सौंपी गई है। विधानसभा की नव गठित नियम समिति में स्पीकर हरविन्द्र कल्याण पदेन अध्यक्ष होंगे।

शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी विधानसभा समिति में बड़खल के भाजपा विधायक धनेश अदलखा को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति में नीलोखेड़ी के भाजपा विधायक भगवान दास कबीरपंथी चेयरमैन होंगे।

विधायी कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा

विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिढा को उनकी रुचि के अनुरूप स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं संबंधी समिति का चेयरमैन बनाया है। सरकारी आश्वासनों पर बनी समिति में करनाल के विधायक जगमोहन आनंद को जगह मिली है।

विधानसभा स्पीकर हरिवन्द्र कल्याण ने कहा कि विधायिका की प्राथमिक जिम्मेदारी कानून बनाना और सरकार को जवाबदेह बनाना है। सभी सदस्य नागरिकों के प्रतिनिधि के रूप में कानून पारित करते हैं और सरकारी कामकाज की देखरेख करते हैं।

वे सार्वजनिक धन का कुशल आवंटन भी सुनिश्चित करते हैं। यह समितियां एक ऐसे तंत्र के रूप में कार्य करेंगी, जो विधायिका की प्रभावशीलता में सुधार करने में मदद कर सकेंगी। समितियों के माध्यम से विधायी कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।

इसलिए इन संसदीय समितियों को ‘मिनी-हाउस’ कहा गया है। ऐसे में विधायकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे विधानसभा कमेटियों के कार्यों में पूरे मनोयोग से भाग लें।

विशेषाधिकार समिति नई समिति का गठन होने तक जारी

कार्य संचालन संबंधी नियमों के तहत समितियों का गठन 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत 14 मंत्री हैं। मंत्रियों को इन समितियों में जिम्मेदारी नहीं दी जाती।

विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमों के अंतर्गत वर्ष 2024-25 की शेष अवधि के लिए विधानसभा की इन समितियों का गठन किया गया है। यह कमेटियां 31 मार्च 2025 तक कार्य करेगी, लेकिन विशेषाधिकार समिति नई समिति का गठन होने तक जारी रहेगी।

एक कमेटी की कमान महिला के हाथ में बनाई गई कमेटी में अधीनस्थ विधान समिति की अध्यक्ष की जिम्मेदारी कृष्णा गहलावत को दी गई है। इसमें हमेशा अपनी बात को लेकर चर्चा में रहने वाले सफीदो विधायक रामकुमार गौतम को भी लोक उपक्रम समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

तीन कमेटी में ये विधायक शामिल : निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल, गीता भुक्कल, कृष्णा गहलावत, अर्जुन चौटाला, डा. कृष्ण कुमार, आदित्य चौटाला, मनमोहन भड़ाना, तेजपाल तंवर।

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