हरियाणा में सरकारी कामकाज और पारिश्रमिक को लेकर अहम फैसले, जानिए 3 बड़े बदलाव
हरियाणा में सरकारी कामकाज और पारिश्रमिक से जुड़े तीन बड़े फैसले किए गए हैं। इस बाबत पंचायत ग्रांट पर हाई कोर्ट ने लेखा-जोखा और विवरण संबंधी निर्देश दिए हैं। अबसे वेबसाइट पर सारा डाटा उपलब्ध कराना होगा। इसके साथ ही अब वन अधिकारी गलत नीयत से फाइलें नहीं रोक सकेंगे। वहीं बहुतकनीकी संस्थानों में परीक्षा ड्यूटी के लिए ज्यादा पारिश्रमिक मिलेगा।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। हरियाणा में सरकारी कामकाज और पारिश्रमिक से जुड़े तीन मामलों में बड़े निर्णय हुए हैं। पंचायत ग्रांट पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पारदर्शिता बरतने को लेकर गाइडलाइन जारी करते हुए वेबसाइट पर सारा डाटा होने के निर्देश दिए हैं।
वहीं नायब सिंह सैनी सरकार ने तीन बड़े विभागों में सरकारी काम की डेडलाइन तय कर दी है। तीनों बड़े विभाग कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के हैं। उन्हें ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। तीसरा अहम निर्णय बहुतकनीकी संस्थान के कर्मचारियों से जुड़ा है। अब इन संस्थान में परीक्षा ड्यूटी देने वालों को पारिश्रमिक बढ़ाया गया है।
पंचायतों को मिलने वाली ग्रांट व खर्च का पूरा लेखा-जोखा होगा वेबसाइट पर
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को राज्य की विभिन्न ग्राम पंचायतों द्वारा प्राप्त एवं उपयोग किए गए अनुदानों या निधियों के बारे में पूर्ण विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा प्राप्त एवं उपयोग किए गए अनुदानों/निधियों के बारे में जानकारी उनकी आधिकारिक वेबसाइटों पर अपलोड करने के लिए आवश्यक तंत्र स्थापित किए जाएं।
जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के निदेशक को नौ जुलाई 2007 और चार जून 2008 की अधिसूचनाओं को हिंदी में आधिकारिक वेबसाइटों पर तुरंत अपलोड करें। इन अधिसूचनाओं में पंचायतों को आवंटित धन/अनुदान का अनिवार्य खुलासा करने का प्रविधान है।
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