हरियाणा में बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़! प्राइवेट स्कूलों की हर 5वीं बस अनफिट, 5200 बसों के काटे गए चालान
हरियाणा में निजी स्कूलों की हर पांचवीं बस सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करती। इस साल 25 हजार से ज्यादा बसों की जांच में 5200 अनफिट पाई गईं। इनमें फिटनेस ...और पढ़ें

हरियाणा में निजी स्कूलों की बसों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी, 5200 बसों का कटा चालान।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सड़कों पर दौड़ रही निजी स्कूलों की हर पांचवीं बस सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरती। इस साल अभी तक 25 हजार से अधिक स्कूल बसों की जांच की गई है, जिनमें से 5200 बसें ट्रैफिक नियमों पर खरा नहीं उतरी। इन बसों में कई तरह की अनियमितताएं मिली हैं।
स्कूल बसों के हादसाग्रस्त होने की कई शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक जांच शुरू की तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। जिन 5200 बसों के चालान काटे गए हैं, उनमें से अधिकतर बिना फिटनेस सर्टिफिकेट, बिना जीपीएस और बिना अग्निशामक यंत्रों के चल रहीं थी।
कई बसों में प्रशिक्षित चालक और परिचालक नहीं थे। इतना ही नहीं, विगत तीन से दस नवंबर के बीच चलाए गए विशेष अभियान में 5516 बसों की जांच की गई तो इनमें भी एक हजार तीन बसें नियमों पर खरा नहीं उतरी। इन सभी बसों के चालान किए गए हैं। इस दौरान सिरसा और डबवाली में चार बसों को मौके पर ही जब्त कर लिया गया।
इससे पहले जनवरी से अक्टूबर के बीच की गई जांच में 19 हजार 268 बसों में से 4205 नियम तोड़ती पाई गईं थी। गुरुग्राम, पंचकूला, सोनीपत, सिरसा, जींद, फरीदाबाद और पलवल में सबसे ज्यादा अनियमितताएं सामने आईं। अकेले गुरुग्राम में 5984 बसों में से 1851 बसें नियमों को तोड़ती हुई मिलीं। बाकी जिलों में भी स्थिति चिंताजनक है। कई बसों में सुरक्षा उपकरण तक नहीं लगे थे और वे स्कूल बसों के लिए तय राष्ट्रीय मानकों पर भी खरी नहीं उतरती थीं। सबसे कम उल्लंघन रेवाड़ी में दो, डबवाली में नौ और चरखी दादरी में छह बसों में दर्ज किए गए।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट के माध्यम से स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाली स्कूल बसों को तुरंत इंपाउंड किया जाएगा। असुरक्षित बसों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता अस्वीकार्य है। उनकी यह पोस्ट सीधे चेतावनी मानी जा रही है और इसे स्कूलों, बस आपरेटरों तथा प्रशासनिक स्तर पर एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि अब कोई नरमी नहीं मिलेगी।
सभी स्कूल बसों का यह नियम पूरे करने जरूरी
-फिटनेस सर्टिफिकेट
-जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम
-अग्निशामक यंत्र
-फर्स्ट एड बाक्स-सीसीटीवी कैमरा
-आपातकालीन निकास
-प्रशिक्षित चालक और परिचालक
-सीट बेल्ट
-स्कूल बस के लिए निर्धारित पहचान मार्किंगनोट : इनमें से किसी भी बिंदु का पालन नहीं होने पर बसों के चालान से लेकर इंपाउंड और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
डीजीपी ने अभिभावकों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। अभिभावक अपने बच्चे की बस की स्थिति जानें, सवाल पूछें और गड़बड़ी दिखने पर तुरंत पुलिस या जिला प्रशासन को सूचित करें। यह अभियान सिर्फ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि सामुदायिक जागरूकता का हिस्सा बने।

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