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हरियाणा में सरकारी वाहनों को मिलेंगे नए रजिस्ट्रेशन नंबर, खत्म होगा वीआइपी कल्चर

हरियाणा में सरकारी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए जीवी सीरीज शुरू की गई है। सरकारी वाहनों को तीन महीने में रजिस्ट्रेशन नंबर बदलने होंगे। संवेदनशील विभागों से जुड़े वाहनों को छूट मिलेगी। नई सीरिज से सरकारी वाहनों की पहचान आसान होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 26 Jul 2022 05:47 PM (IST)
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हरियाणा में सरकारी वाहनों को नए रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेंगे। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब सभी सरकारी वाहनों को अलग रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेंगे। प्रदेश सरकार ने सरकारी वाहनों के लिए जीवी (गवर्नमेंट व्हीकल) सीरीज शुरू की है। बोर्ड-निगमों और विभागों के नाम पर पंजीकृत किए जाने वाले वाहनों को नई सीरीज का नंबर देने के लिए सभी आरटीए के कोड के आगे जीवी जोड़ा गया है।

एक से 1000 नंबर तक सरकारी वाहनों को नहीं मिलेंगे। नई सीरीज से सरकारी वाहनों की पहचान आसानी से हो सकेगी। मानव संसाधन विभाग ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासक, मंडालायुक्त, उपायुक्त, विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार तथा राजकीय केंद्रीय कार्यशाला के सीनियर मैकेनिकल इंजीनियर को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं।

तीन महीने के अंदर सभी सरकारी वाहनों को नई श्रृंखला के नंबर दिए जाएंगे। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीक सिंह विर्क की ओर से जीवी सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबरों को लेकर पहले ही अधिसूचना जारी की जा चुकी है।

हालांकि कुछ संवेदनशील विभागों से जुड़े वाहनों को नई सीरीज न देकर पुराने नंबर जारी रखे जाएंगे, लेकिन इसके लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी जरूरी है। इनमें सीआइडी, खनन, विजिलेंस, सीआइए, आबकारी एवं कराधान तथा पुलिस विभाग के वाहन शामिल हैं।

सीएम और मुख्य सचिव छोड़ चुके वीआइपी नंबर

प्रदेश में वीआइपी कल्चर खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मुख्य सचिव संजीव कौशल अपने सरकारी वाहनों से एक नंबर हटवा चुके हैं। प्रदेश में 179 सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन नंबर 0001 है। इन सभी वाहनों से यह नंबर हटाकर जीवी सीरीज के तहत नंबर दिए जाएंगे। खास बात यह कि 26 हजार सरकारी वाहनों में से किसी पर एक से हजार तक के रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं दिखेंगे।

आम आदमी ले सकेगा वीआइपी नंबर

वाहनों के लिए एक से हजार तक के रजिस्ट्रेशन नंबर को निर्धारित शुल्क या नीलामी के जरिये आमजन को दिया जाएगा। इससे सरकार को करीब 20 करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है। मुख्य सचिव और परिवहन आयुक्त कार्यालय के वाहनों से जीवी सीरीज की शुरुआत हो चुकी है। मुख्य सचिव कार्यालय की कारों को एचआर-70जीवी के तहत नंबर मिले हैं।

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