'चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक छीना जा रहा...', नए विधानसभा भवन के लिए भूमि न मिलने पर बोले अशोक अरोड़ा
कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए जमीन न मिलने पर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने और सर्वदलीय बैठक बुलाकर अलग राजधानी के लिए फंड मांगने का आग्रह किया। अरोड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक है और एसवाईएल के पानी के मुद्दे पर भी राज्य के साथ अन्याय हो रहा है।

अशोक अरोड़ा ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए जमीन न मिलने पर केंद्र सरकार की आलोचना की (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के नए भवन को लेकर जमीन देने से इंकार करने पर कांग्रेस ने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार को घेरा है।
पूर्व मंत्री एवं थानेसर से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। सर्वदलीय बैठक बुलाकर हरियाणा से अलग राजधानी की मांग के लिए फंड की मांग करनी चाहिए।
अरोड़ा ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी है और दोनों प्रदेशों का 60-40 का अनुपात है। हैरत की बात है कि हरियाणा अपनी ही राजधानी में नया विधानसभा भवन नहीं बना सकता है।
केंद्र सरकार का यह फैसला न केवल हरियाणा के हितों के खिलाफ है, बल्कि ढाई करोड़ जनता का भी अपमान है। इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ से हरियाणा का हक छीनना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला पंजाब में चुनावी समीकरणों को देखते हुए लिया गया है, जोकि सरासर गलत है। चुनावी लाभ के लिए केंद्र सरकार का हरियाणा के हितों पर कुठाराघात किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री को जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
अरोड़ा ने कहा कि एसवाईएल के पानी का फैसला हरियाणा के हक में आ चुका है, लेकिन पंजाब पानी नहीं दे रहा है। केंद्र सरकार की ओर से अभी तक हरियाणा को पानी दिलाने के लिए कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया गया है।
केवल बैठकों में ही दोनों राज्य आपस में उलझे हुए हैं। बैठक के दौरान पंजाब सीएम की ओर से दो टूक कहा जाता है कि वे हरियाणा को पानी नहीं देंगे।
एसवाईएल और नए विधानसभा भवन पर हरियाणा का पूरा हक है, लेकिन उसे हकों से वंचित रखा जा रहा है।

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