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    हिमाचल में फिर उठा नए जिले बनाने का मामला, विधायक जनक ने विधानसभा में उठाया प्रश्न, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट की स्थिति

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 11:15 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक जनक राज ने नए जिलों के गठन का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में सरकार के पास ऐसा प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने वित्तीय बाधाओं के कारण तत्काल नए जिले बनाने में असमर्थता व्यक्त की।

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    हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बात रखते मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। सौ. विधानसभा

    राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दशकों से नए जिलों के गठन की मांग उठती रही है। यह मांग पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सरकार में रामपुर को जिला बनाने के लिए उठाई गई थी। अब एक बार फिर यह मामला उजागर हुआ है।

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    इसके अलावा, कांगड़ा जिले में पालमपुर, नुरपूर और देहरा व मंडी के सुंदरनगर को भी जिला बनाने की मांग भी उठाती रही है। हालांकि, सरकार ने कांगड़ा जिले के बड़े आकार को देखते हुए नुरपूर और देहरा को पुलिस जिला तथा सोलन के बद्दी को भी पुलिस जिला बनाया है। 

    डॉ. जनक के प्रश्न पर सीएम ने रखी बात

    सोमवार को तपोवन स्थित विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक डा. जनक राज के प्रश्न के उत्तर मे मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने सदन को सूचित किया कि वर्तमान में प्रदेश में नए जिलों के गठन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सरकार को जानकारी उपलब्ध करवाई है।

    जनक ने पूछा था, क्या 4 नए जिलों के गठन की तैयारी

    डा. जनक राज ने अपने मूल प्रश्न में यह जानना चाहा था कि क्या प्रदेश में चार और नए जिलों का गठन करने की तैयारी चल रही है और एक जिला गठित करने पर अनुमानित कितना बजट खर्च होगा।

    धूमल के समय भी उठी थी मांग

    पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के दूसरे कार्यकाल में भी नए जिलों की मांग उठी थी। उस समय प्रशासनिक स्तर पर इस पर काम शुरू किया गया था, लेकिन राज्य की छोटी भौगोलिक स्थिति के कारण नए जिले नहीं बनाए जा सके। 

    भाजपा ने बनाए हैं संगठनात्मक जिले

    भाजपा ने संगठनात्मक जिलों का गठन किया है। कांगड़ा जिले के अलावा तीन अन्य संगठनात्मक जिले बनाए गए हैं। मंडी जिले के सुंदरनगर को भी संगठनात्मक जिला बनाया गया है। शिमला में महासू भी एक संगठनात्मक जिला है। कुल मिलाकर भाजपा के सत्रह जिले हैं, जिनमें से पांच संगठनात्मक जिले हैं। 

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    कांग्रेस भी कर रही थी तैयारी

    कांग्रेस पार्टी में भी शिमला शहरी के लिए एक अलग कार्यकारिणी बनाई गई है। कांग्रेस में संगठनात्मक जिलों के गठन और ब्लाकों की संख्या बढ़ाने की चर्चा हुई थी, लेकिन यह प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ सका। उल्लेखनीय है कि वीरभद्र सिंह की सरकार नए जिलों और संगठनात्मक जिलों के गठन का विरोध करती थी, हालांकि उनकी सरकार में कांगड़ा को दूसरी राजधानी का दर्जा दिया गया था।