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    Mandi: होंडा कार का शोरूम खोलने के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, इस प्लान के तहत आरोपियों ने दिया था अंजाम

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Sun, 29 Oct 2023 12:27 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के मंडी में यूको बैंक (UCO Bank Fraud Case) से धोखाधड़ी करने वाले ऊना के तुषार शर्मा व उसकी पत्नी श्वेता शर्मा ने मंडी के चक्कर में हों ...और पढ़ें

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    होंडा कार का शोरूम खोलने के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, मंडी। Mandi Fraud case: यूको बैंक (UCO Bank) मंडी से धोखाधड़ी करने वाले ऊना के तुषार शर्मा व उसकी पत्नी श्वेता शर्मा ने मंडी के चक्कर में होंडा कार का शोरूम खोलने के लिए 2017 में 9.85 करोड़ रुपये का सावधि ऋण यानी टर्म लोन लिया था।

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    बैंक के साथ किए करार के अनुसार अप्रैल 2018 से सावधि ऋण का भुगतान करना था। आरोपित 2014 से यूको बैंक के साथ जुड़े हुए थे। मंडी में होंडा कार का शोरूम खोलने से पहले वह ऊना व कांगड़ा में शोरूम चला रहे थे।

    दोनों आरोपितों ने दो गारंटर के साथ करीब पांच करोड़ रुपये की दी थी सिक्योरिटी

    सावधि ऋण लेने की एवज में आरोपितों ने नागचला व ऊना में स्थित 335.38 लाख रुपये की जमीन गारंटी के तौर पर रखी थी। इसके अलावा दोनों आरोपितों ने दो गारंटर के साथ बैंक को करीब पांच करोड़ रुपये की व्यक्तिगत सिक्योरिटी दी थी।

    सावधि ऋण स्वीकृत होने के कुछ माह बाद आरोपितों ने पंजाब की सात विभिन्न कंपनियों के नाम 7.26 करोड़ रुपये की राशि फर्जी तरीके से ट्रांसफर कर दी। इन कंपनियों से आरोपितों ने कोई सामान खरीदा ही नहीं था।

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    जुलाई 2018 को बैंक प्रबंधन ने सरफेसी अधिनियम के तहत दिया था नोटिस

    मई 2018 में सावधि ऋण का करार की शर्तों के अनुरूप भुगतान न होने पर बैंक ने मैसर्ज मैगमा ऑटो लिंक्स का खाता नान-परफार्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया था। सात जुलाई 2018 को बैंक प्रबंधन ने सरफेसी अधिनियम के तहत नोटिस दिया था। इस अधिनियम में ऋणदाता को 60 दिनों के नोटिस के बाद संपत्ति या गिरवी रखी गई संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार है।

    7.26 करोड़ रुपये की राशि सात कंपनियों को ट्रांसफर

    आरोपितों ने बैंक के इस नोटिस को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने मामले की जांच करवाई तो यह बात सामने आई कि आरोपितों ने फर्जी तरीके से 7.26 करोड़ रुपये की राशि सात कंपनियों को ट्रांसफर की है।

    सात फरवरी 2023 को आरबीआइ को किया सूचित

    बैंक ने अपने स्तर पर भी मामले की जांच करवाई थी। इसकी रिपोर्ट कमेटी ने 23 जनवरी 2023 को सौंपी थी। धोखाधड़ी की बात सामने आने पर बैंक प्रबंधन ने सात फरवरी 2023 को आरबीआई को सूचित किया था।

    बैंक की जोनल प्रबंधक धर्मशाला कुसुम गुप्ता ने 21 फरवरी 2023 को सीबीआई मुख्यालय को पत्र लिख मामले की जांच करने का आग्रह किया था। सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच के बाद शिमला थाना (Himachal Police) में नौ अक्टूबर को मैसर्ज मैगमा ऑटो लिंक्स प्राइवेट कंपनी के निदेशक तुषार शर्मा व उसकी पत्नी श्वेता शर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज किया था।

    धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई कर रही जांच 

    प्रारंभिक जांच में गारंटर राकेश शर्मा व पूनम शर्मा की धोखाधड़ी में कोई भूमिका नहीं पाई गई है, हालांकि सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट नहीं दी है। इस पूरे मामले में बैंक के अधिकारियों की क्या भूमिका रही है। सीबीआई इसकी जांच कर रही है।

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