सुक्खू सरकार ने सिंघवी व कपिल सिब्बल सहित 277 वकीलों की सेवाएं लीं, किन मामलों की पैरवी के लिए दी कितनी रकम?
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने कानूनी मामलों के लिए अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल सहित 277 वकीलों की सेवाएं लीं। सरकार ने इन वकीलों को विभिन्न मा ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीएम सुखविन्द्र सिंह सुक्खू।
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने सरकार वकीलों की सेवाएं लेते समय उनकी राजनीतिक विचारधारा के बजाय अनुभव को प्राथमिकता देती है। प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की सेवाएं ली हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अधिवक्ताओं को सेवा शुल्क का भुगतान पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाता है।
विधायक विपिन सिंह परमार और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सीएम ने बताया कि पिछले वर्ष 31 दिसंबर तक विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मामलों की पैरवी के लिए 277 अधिवक्ताओं की सेवाएं ली गईं, जिनके लिए 2.60 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
23 वर्ष बाद होटल वाइल्ड फ्लावर हाल का मामला जीता
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने 23 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद होटल वाइल्ड फ्लावर हाल का मामला जीता है, जिससे सरकार के खजाने में 300 करोड़ रुपये की आय होगी। इसके अलावा, जेएसडब्ल्यू के कड़छम-वांगतु पावर प्रोजेक्ट के रॉयल्टी मामले में भी सरकार ने जीत हासिल की है, जिससे सरकार को सालाना 150 से 200 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।
वाटर सेस जैसे मामलों की पैरवी के लिए ली सेवाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी), शानन पावर प्रोजेक्ट और वाटर सेस जैसे मामलों की पैरवी के लिए सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सेवाएं ली हैं। इनमें पी. चिदंबरम, मुकुल रस्तोगी, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि रस्तोगी भाजपा सरकार के सालिसिटर जनरल रह चुके हैं और उनकी सेवाएं भी एक मामले में ली गई हैं।
गुमराह कर रहे सीएम, सिंघवी थे ओबराय ग्रुप के वकील : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी ओबराय ग्रुप और जेएसडब्ल्यू के मामलों में प्रदेश के खिलाफ पैरवी करते रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि सीपीएस मामले में उन्हें कितना सेवा शुल्क दिया गया। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि अभिषेक मनु सिंघवी को करोड़ों रुपये का सेवा शुल्क दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सीपीएस मामले की पैरवी के लिए सरकार ने चार वकीलों की सेवाएं लीं और इन्हें दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
जयराम जी, आप का स्वभाव शांत था, वहां बैठकर कंफ्यूज हो गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम जी, आपका स्वभाव तो शांत था...पता नहीं आप वहां बैठकर कंफ्यूज क्यों हो गए हैं। सरकार ने अधिवक्ताओं की जो फीस दी है उसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। कोषागार से जो पैसा जाता है उसका पूरा रिकार्ड होता है उसका आडिट भी होता है।

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