Dussehra 2024: जम्मू-कश्मीर में धू-धू कर जला रावण, लोगों ने लगाए जय श्री राम के नारे, बोले- असत्य पर सत्य की जीत
दशहरा का पर्व राजौरी और पुंछ जिलों में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर शोभा यात्रा निकाली गई और रावण मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। जवाहर नगर में भी शोभायात्रा निकाली गई और राम लक्ष्मण के वेष में युवाओं ने रावण के पुतले को आग के हवाले किया। मेंढर में भी भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
जागरण संवाददाता, राजौरी। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयदशमी का त्योहार राजौरी व पुंछ जिलों में धूमधाम से मनाया गया। इस अववर पर सनातन धर्म सभा की ओर से शोभा यात्रा निकाली गई, जो विभिन्न बाजारों से होते हुए दशहरा मैदान, अब्दुल्ला पुल के नीचे पहुंची।
यहां पर राम-लक्ष्मण के वेष में युवाओं ने रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों पर निशाना साधे और तीनों पुतलों को एक एक करके आग के हवाले कर दिया। जवाहर नगर में भी शोभायात्रा निकाली गई, जो विभिन्न बाजारों से होते हुए जल शक्ति विभाग के मैदान पहुंची।
यहां पर राम लक्ष्मण के वेष में युवाओं ने रावण के पुतले को आगे के हवाले किया। वहीं पुंछ जिले के मेंढर में भी शोभायात्रा निकाली गई, जो विभिन्न बाजारों से होकर दशहरा मैदान में पहुंची। यहां पर रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतलों को आग के हवाले कर दिया गया। शोभायात्रा में काफी भीड़ थी।
राजौरी में धूमधाम से मना दशहरा उत्सव
वहीं, राजौरी जिले के कोटरंका, बथूनी, मुरादपुर, कालाकोट, धर्मसाल, स्योट, नौशहरा आदि क्षेत्रों में भी दशहरे का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। हर क्षेत्र में रावण, मेघनाद व कुभकरण के पुतलों के दहन को देखने के लिए लोगों की की भीड़ मौजूद रही।
राजौरी में आयोजित दशहरा उत्सव में जिला विकास आयुक्त अभिषेक शर्मा मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने लोगों को विजय दशमी त्योहार की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के काफी पुख्ता प्रबंध किए गए थे।
अंगद ने जमीन पर पांव जमा कर शक्ति प्रदर्शन किया
रियासी में श्री दुर्गा नाटक मंडली की ओर से स्थानीय ओपन एयर थियेटर में शुक्रवार रात में रामलीला मंचन में रावण वध दृश्य को प्रभावशाली तरीके से दर्शाया गया। इससे पहले कुंभकरण महल के दृश्य में रावण के सैनिकों द्वारा कुंभकरण को नींद से जगाने की प्रस्तुति ने विशेषकर बच्चों का खूब मनोरंजन किया। रावण अंगद संवाद के अगले दृश्य में अंगद ने जमीन पर पांव जमा कर शक्ति प्रदर्शन किया।
पांव उठाने के असफल प्रयास में रावण के सैनिकों के किरायेदार में युवा कलाकारों ने अपने अभिनय से सबको आकर्षित किया। रणभूमि के अंतिम दृश्य में पहले तो श्री राम और रावण की सेना के बीच घमासान युद्ध दर्शाया गया। जिसमें राम सेना ने एक-एक कर रावण के सभी योद्धाओं व सैनिकों को मार डाला। अंत में लक्ष्मण के बाण से मेघनाद का वध और फिर श्री राम के बाण से कुंभकरण और रावण का वध दर्शाया गया।
रावण का वध होते ही पूरा थियेटर भगवान श्री राम के जय घोष से गूंज उठा। मंचन में पार्थ ने राम, विशाल बनाथिया ने लक्ष्मण, अनिकेत ने हनुमान, राहुल देव सिंह ने अंगद,अतुल केसर ने विभीषण व सन्नी राजपूत ने रावण की प्रभावशाली भूमिका निभाई।यह भी पढ़ें- JKPS Recruitment Rules 2024: बदल गया जम्मू-कश्मीर में पुलिस भर्ती का नियम, जानिए अब कैसे होंगी भर्तियां
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