भाजपा नेता सुनील शर्मा ने सीएम उमर से किया सवाल, 'बताएं कौन सी फाइल, कौन सा फैसला एलजी कार्यालय में रुका है'
भाजपा नेता सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से पूछा कि एलजी कार्यालय में कौन सी फाइलें और फैसले लंबित हैं। उन्होंने उमर अब्दुल्ला के एलजी कार्यालय पर फैसले रोकने के आरोप पर प्रतिक्रिया दी। शर्मा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वे किस मामले की बात कर रहे हैं।

भाजपा नेता सुनील शर्मा ने यह भी कहा कि भाजपा जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सुनील शर्माने सोमवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आलोचना करते हुए कहा कि वह अपनी विफलता और असमर्थता के लिए राजभवन काे जिम्मेदार ठहराते रहते हैं।
वह कहते हैं कि उपराज्यपाल के कार्यालय में निर्वाचित सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की फाइलें रूकी पड़ी हैं। मुख्यमंत्री को नाम लेकर बताना चाहिए कि कौन सी फाइल और कौन सा फैसला, उपराज्यपाल कार्यालय के कारण रुका हुआ है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भूमिहीन परिवारों, बेरोजगार युवाओं और दैनिक वेतनभागेियों के मुद्दों के समाधान में विफल रहे हैं। वह लोगों को 200 यूनिट निश्शुल्क बिजली देने के वादे को पूरा करने में भी हिचक रहे हैं।
जब कोई सवाल करता है तो कहते हैं कि उपराज्यपाल कार्यालय में फाइलें रुकी पड़ी हैं, लेकिन यहां सरकार के चहेते लोगों के ट्रांसफर और टेंडर की कोई फाइल क्यों नहं रुकती। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिनाब इलाके और दूसरे इलाकों में भूस्खलन, बाढ़ और ज़मीन धंसने से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं की है।”
उन्होंने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 5000 घर तमिलनाडु के एक एनजीओ के ज़रिए बनाए जा रहे हैं। दक्षिण भारत के एक संत ने उन घरों को बनाने की ज़िम्मेदारी ली हैजबकि यह काम यहां सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस की सरकार को करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी जमीन पर अवैध कब्जों का विरोध करती है, चाहे यह सरकारी जमीन हो या किसी की निजी जमीन और इस मामले पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। अगर प्रदेश में कोई भूमिहीन है तो उसे मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मदद दी जानी चाहिए।
“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज़मीनहीन और बेघर लाभार्थियों को ज़मीन की मदद देने के लिए पहले ही नियम तय कर दिए हैं। उन्होंने दिहाड़ी मज़दूर, एसपीआरे, संविदा कर्मियों , ज़रूरत के आधार पर काम करने वाले और कम आय वाले सभी कर्मियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ दिए जाने पर जोर दिया ।

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