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'दरवाजे बंद नहीं हुए, हम किसी भी स्तर...', CM उमर बोले- विशेष दर्जा बहाली का प्रस्ताव खारिज नहीं, यह जीवंत और वैध

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि विधानसभा में विशेष दर्जा बहाली का प्रस्ताव किसी ने खारिज नहीं किया है। यह पूरी तरह से जीवंत और वैध है। अभी इस पर दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। इस पर हम किसी भी स्तर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद गति दी जाएगी।

By naveen sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 22 Nov 2024 09:03 PM (IST)
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विशेष दर्जा बहाली के प्रस्ताव पर क्या बोले सीएम उमर अब्दुल्ला।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा में विशेष दर्जा बहाली का प्रस्ताव किसी ने खारिज नहीं किया है। यह पूरी तरह से जीवंत और वैध है। अभी इस पर दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। इस पर हम किसी भी स्तर पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

उन्हाेंने यह बात आज श्रीनगर के पोलो व्यू में आयोजित एक समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा इस पर आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया को र जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद गति दी जाएगी।

'हर वर्ग का अपनी उम्मीदें और आकांक्षाएं होती हैं'

आरक्षण नीति को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि हर वर्ग का अपनी उम्मीदें और आकांक्षाएं होती हैं। आज जम्मू में आयोजित केबिनेट बैठक में इस मुद्दे के सर्वमान्य समाधान के लिए, आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए एक केबिनेट उपसमिति का गठन किया गया है।

समिति आरक्षण के संदर्भ में सर्वाेच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के आधार पर आरक्षण नीति की समीक्षा करेगी और समयबद्ध अवधि में अपनी रिपोर्ट देगी। हम इस नीति को युक्ति संगत बनाना चाहते हैं।

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राजनीतिक कैदियों की रिहाई पर भी करेंगे काम

कश्मीरी राजनीतिक कैदियों की रिहाई संबंधी सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में कानून व्यवस्था का विषय केंद्र सरकार के पास है।

फिलहाल,हमने सरकारी नौकिरयों और पासपोर्ट के लिए सत्यापन प्रक्रिया को आसान व उदार बनाने के लिए प्रयास किए हैं। जब हमें पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा, हम राजनीतिक कैदियों की रिहाई पर भी काम करेंगे।

हन और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए

किश्तवाड़ में गत दिनों सुरक्षाबलों द्वारा ग्रामीणों की मारपीट व उनके उत्पीड़न के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर कोई सैन्यकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई होनी चाहिए।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज मंत्रिमंडल की बैठक की। इस दौरान कई अहम फैसले भी लिए गए। आरक्षण नीति को लेकर खासतौर पर अहम फैसले लिए गए। इसके लिए उपसमिति गठित की गई है। 

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