'तेज रफ्तार रोमांचक होती है, लेकिन मौत को दावत देते हैं', सड़क दुर्घटनाओं पर CM उमर अब्दुल्ला ने जताई चिंता
सड़क हादसे पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि तेज रफ्तारी इंसान को मौत के मुंह में धकेल देती है। सड़क सुरक्षा नियम हम लोगों की सुरक्षा के लिए ही होते हैं। यदि हम उनका पालन करेंगे तो हमें इस तरह के सड़क हादसों का सामना नही करना पड़ेगा। अपनी सुरक्षा के लिए हमें सड़क सुरक्षा नियमों का पाबंदी से पालन करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। शहर के टेंगपोरा इलाके में गत देर शाम एक भयंकर सड़क दुर्घटना में दो स्कूली बच्चों की मौत पर अपना गहरा दुख प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारा परिवहन बेहतर हुआ है, सड़कें भी बेहतर हुई हैं, लेकिन हम सड़क सुरक्षा पर अभी तक ज्यादा गौर नहीं करते हैं, नतीजतन हमें इसका खामयाजा भुगतना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया साइट पर मुख्यमंत्री ने एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि स्पीड थ्रिल्ज बट किल्ज (तेज रफ्तारी रोमांचक) होती है, लेकिन मौत को दावत देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल देर शाम टेंगपोरा इलाके में हुए भयंकर सड़क हादसे के विचलित कर देने वाली वीडियो देखे, इस घटना में हमारे दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। अल्लाह दोनों बच्चों को जन्नत अता करें। मुझे गहरा सदमा लगा।
'हादसों का सामना नही करना पड़ेगा'
यह सोच कर ही कंपकंपी छूट रही है कि उनके परिवार वालों की क्या हालत हुई होगी। दुख की इस घड़ी में मेरी हमदर्दी दोनों पीड़ित परिवारों के साथ है। अपने पोस्ट में उमर ने लिखा। तेज रफ्तारी इंसान को मौत के मुंह में धकेल देती है। सड़क सुरक्षा नियम हम लोगों की सुरक्षा के लिए ही होते हैं। यदि हम उनका पालन करेंगे तो हमें इस तरह के सड़क हादसों का सामना नही करना पड़ेगा। अपनी सुरक्षा के लिए हमें सड़क सुरक्षा नियमों का पाबंदी से पालन करना चाहिए।बता देते हैं कि गत शाम श्रीनगर के टेंगपोरा इलाके में उस समय दो स्कूली बच्चों जिनकी पहचान 17 वर्षीय अजीम सोफी निवासी रावलपोरा श्रीनगर व हम्माद नजीर निवासी लालबाजार श्रीनगर के तौर पर हुई है, जब उनका वाहन उनके नियंत्रण से बाहर होकर सड़क पर उलट गया। बताया जाता है कि दोनों बच्चे 12वीं कक्षा के छात्र थे। उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। इस घटना में वाहन में सवार उनका एक और दोस्त भी घायल हो गया था, जिसकी स्थिति अस्पताल में गंभीर बनी हुई है। चश्मदीदों का कहना है कि उनकी गाड़ी की रफ्तार बहुत तेज थी और सड़क पर उलट-पुलट जाने से पूर्व उन्होंने आसपास सड़क पर चलने वाली दो तीन गाड़ियों को भी टक्कर मारी थी।
इससे पूर्व शहर गत सप्ताह श्रीनगर-बारामूला रोड पर सिथत लावेपोरा इलाके में भी इसी तरह की सड़क दुर्घटना में भी मूमिन मसूदी नामक आठवीय कक्षा के छात्र को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था जब उसकी गाड़ी उसके नियंत्रण से बाहर होकर सड़क पर उलट गई थी। इस घटना में उसका एक और सहपाठी गंभीर रूप से घायल हो गया था।
वहीं बारामूला जिले के पलहालन इलाके में शुक्रवार तड़के भी सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसकी पहचान 62 वर्षीय नजीर अहमद निवासी पलहालन,पट्टन के तौर पर हुई है। जानकारी के अनुसार उक्त व्यक्ति सड़क पार कर रहा था कि इसी बीच वह वहां से तेजी से जा रहे एक वाहन की चपेट में आ गया जिसके कारण उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इधर पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर आरोपी वाहल चालक जो घटना के बाद फरार हो गया,की तलाश शुरू कर दी है।
इधर घाटी में सड़क दुर्घटना की तेजी से बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आरटीओ कश्मीर सैयद शहनाज बुखारी ने पुलिस प्रशसान से आग्रह किया है कि वह पूरे प्रदेश में सेक्शन 199-ए(इस कानून के तहत उन अभिभावकों के खिलाफ कारर्वाई की जा सकती है जो अपने नाबालिग बच्चों को ड्राइविंग की अनुमति देते हैं) को लागू करे। आरटीओ ने कहा,इस कानून के लागू होने से इन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर काफी हद तक रोक लग सकती है। उन्होंने कहा कि मैं इस सिलसिले में जलद ही पुलिस को एक पत्र लिखूंगा और मुझे विश्वास है कि पुलिस मेरे इस आग्रह को गंभीरता से लेगी।
वहीं अपनी पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अलताफ बुखारी ने भी प्रशासन विशेषकर पुलिस से आग्रह किया है कि वह सड़क सुरक्षा कानूनों को सख्ती से लागू कराए और जो कोई इन कानूनों का उल्लंघन करे,उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारर्वाई करे।इधर एसएसपी ट्रैफिक मुजफ्फर शाह ने कहा कि वह इस कानून को लागू कनरे पर विचार विमर्श करेंगे। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह करते हुए कहा कि वह अपने नाबालिग बच्चों के हाथों में अपने निजी वाहनों चाहे वह दो पहिया हो,तिपहिया हो या फिर चार पहिला वाले वाहनों की चाबियां ना थमाएं,क्योंकि एेसा कर वह अपने इन नाबालिग बच्चों को खुद ही मौत के हवाले कर देते हैं।
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