Kangan Assembly Seat: मियां परिवार की 'गद्दी' को मिलेगी चुनौती? 62 साल की विरासत बचाने के लिए चौथी पीढ़ी मैदान में
गांदरबल जिले की कंगन विधानसभा सीट पर नेकां का दबदबा रहा है लेकिन इस बार के चुनाव में चुनौती बढ़ गई है। पीडीपी के सैयद जमात अली शाह मजबूत दावेदार हैं। कंगन सीट से इस बार मियां अल्ताफ अहमद लारवी के बेटे मियां मेहर चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट 62 साल से मियां परिवार के पास ही रही है। कंगन सीट पर दूसरे चरण में मतदान होगा।
रजिया नूर, श्रीनगर। गांदरबल जिले की कंगन विधानसभा सीट नेकां के पुराने वफादार मियां परिवार की ‘गद्दी’ रही है। 62 वर्ष से यह सीट मियां परिवार के पास ही रही है। मियां निजाम-उद-दीन लारवी से मियां अल्ताफ अहमद लारवी तक इस सीट से विधायक रहे। यह परिवार क्षेत्र के गुज्जर-बक्करवालों का धार्मिक गुरु रहा है। अब इस परिवार की चौथी पीढ़ी मियां मेहर अली लारवी अपने परिवार की सियासी गद्दी और साख बनाए रखने के लिए चुनाव मैदान में है।
इस सीट पर नेकां ने 7 तो कांग्रेस ने 2 बार जीता है चुनाव
नेकां सांसद मियां अल्ताफ के बेटे मियां मेहर समेत इस सीट पर छह प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनका असल मुकाबला पीडीपी के सैयद जमात अली शाह से है। जमात अली का भी इस क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव बताया जाता है। दूसरे चरण के तहत इस सीट पर 25 सितंबर को मतदान होना है। कंगन सीट पर नेकां ने सात बार तो कांग्रेस दो बार जीती है। मियां अल्ताफ के परिवार का एक लंबा राजनीतिक रुतबा रहा है।
मियां अल्ताफ के बेटे को मिल रही कड़ी चुनौती
मियां अल्ताफ के दादा मियां निजाम-उद-दीन लारवी 1962 से 1967 तक कंगन सीट से नेकां के विधायक रहे। 1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मियां बशीर कियानवी ने नेकां से यह सीट छीन ली। कियानवी 1972 में भी चुने गए। इसके बाद मियां अल्ताफ के पिता यानी निजाम-उद-दीन के बेटे मियां बशीर अहमद लारवी ने 1977 में नेकां के टिकट पर यह सीट जीत ली।
उन्होंने 1983 का चुनाव भी नेकां के टिकट पर ही जीता। 1987 में बशीर के बेटे मियां अल्ताफ ने चुनाव लड़ा और जीता। वह 1996, 2002, 2008 तथा 2014 तक लगातार जीते। अब उनके बेटे मेहर चुनाव मैदान में हैं, लेकिन उनके सामने यह सीट बचाए रखने की कड़ी चुनौती मिल रही है।
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राजनीतिक विश्लेषक रशीद परवीन ने कही ये बात
राजनीतिक विश्लेषक रशीद परवीन ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि मियां परिवार के बलबूते पर नेकां की कंगन विधानसभा क्षेत्र में पकड़ मजबूत है, जिसे मियां निजाम-उद-दीन लारवी से लेकर मियां अल्ताफ अहमद लारवी ने बरकरार रखा। तीनों मंझे हुए राजनेता रहे हैं। मियां अल्ताफ सियासी दावपेंच में माहिर बताए जाते हैं।
वह गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के पीर (धार्मिक गुरु) हैं, लेकिन उनके पुत्र मियां मेहर अली चुनाव मैदान में नए हैं। उतना अनुभव भी नहीं है, जबकि पीडीपी के जमात अली की भी इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ बताई जाती है। गुंड, चेरवन, कुलन गनीवन, हारी गनीवन, मनीगाम आदि इलाकों में जमात अली के काफी समर्थक हैं। अलबत्ता, मेहर अली के पास अपने पिता की तरह अपने परिवार व पीरी मुर्शिदी का एक मजबूत हथियार है, जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है।
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