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Jharkhand Elections 2024: भाजपा छोड़ सकता है टिकट बंटवारे से नाराज ये कद्दावर नेता, इस पार्टी का थाम सकता है दामन

झारखंड में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलता नजर आ रहा है। भाजपा में टिकट कटने के बाद अंसतुष्ट नेताओं ने अन्य विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं। कुछ ने पार्टी छोड़कर इसकी घोषणा भी कर दी है। पूर्व मंत्री राज पालिवार ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा यह बेहद दुखद है कि ऐसे समर्पित कार्यकर्ता की जगह एक धनवान व्यक्ति को चुना गया।

By Kanchan Saurabh Mishra Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 21 Oct 2024 05:06 PM (IST)
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भाजपा के टिकट बंटवारे से नाराज हैं पूर्व मंत्री राज पलिवार कमल।
कंचन सौरभ मिश्रा, देवघर। मधुपुर विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री राज पलिवार कमल को छोड़ हाथ को थाम सकते हैं। उनके जरमुंडी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

राज पालिवार ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। पालिवार ने लिखा है - भाजपा को मधुपुर में उस कार्यकर्ता को टिकट देना चाहिए था, जिसने सालों से बिना किसी स्वार्थ के अपने खून-पसीने से पार्टी को सींचा है।

यह बेहद दुखद है कि ऐसे समर्पित कार्यकर्ता की जगह एक धनवान व्यक्ति को चुना गया। टिकट न मिलने का व्यक्तिगत दर्द उतना नहीं, जितना यह देखकर पीड़ा होती है कि जिसने पार्टी के लिए सब कुछ त्याग दिया, उसे आज इस कदर नजरअंदाज किया गया।

यह वास्तव में पार्टी के उस जमीनी कार्यकर्ता के लिए एक करारी चोट है, जो केवल सम्मान और पहचान का हकदार था।- राज पलिवार, पूर्व मंत्री व भाजपा नेता 

जरमुंडी सीट पर कांग्रेस का कब्जा

जानकारी हो कि जरमुंडी सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। पिछले दो बार से यहां से बादल पत्रलेख लगातार जीत रहे हैं। कुछ समय पहले तक बादल कांग्रेस कोटा से राज्य में मंत्री भी थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद अचानक कुछ बात बिगड़ी व बादल को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा।

बादल पत्रलेख का कट सकता है टिकट

सूत्रों के मुताबिक, अब बादल पत्रलेख का कांग्रेस से टिकट भी कट सकता है। ऐसे में कांग्रेस यहां से इस बार राज पालिवार को अपना प्रत्याशी बना सकती है।

इस बारे में राज पालिवार से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा। कहा कि वे मंगलवार को देवघर लौट रहे हैं और उसके बाद कुछ स्पष्ट करेंगे।

कांग्रेस में शामिल होने व जरमुंडी से चुनाव लड़ने के बारे में भी उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा। हालांकि, इशारों ही इशारों में ही अपने आगे की रणनीति के बारे में कुछ हींट जरूर किया।

खुलकर जाहिर की नाराजगी

जानकारी हो कि टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर दी है। इसके बाद से उनके भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में जाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। साथ ही कांग्रेस के टिकट पर उनके जरमुंडी से चुनाव मैदान में उतरने की भी चर्चा काफी गरम है।

जानकारी हो कि जरमुंडी से एक बार फिर से भाजपा ने देवेन्द्र कुंवर पर भरोसा जताया है। संताल की राजनीति में आने वाले एक से दो दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इस दौरान यहां की राजनीति में काफी उथल-पुथल मचने की संभावना है।

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