Jharkhand Cricket News: कौन हैं देवघर के तेज गेंदबाज शुभम सिंह? जिन्होंने झारखंड रणजी टीम में बना ली जगह
देवघर के तेज गेंदबाज शुभम सिंह को बड़ी सफलता मिली है। उन्हें रणजी टीम में चुना गया है जिसमें वे 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा होंगे। शुभम ने अपनी मेहनत का फल पाया है जो काफी समय से रणजी टीम का दरवाजा खटखटा रहे थे। देवघर के एक अन्य तेज गेंदबाज सौरभ सुमन पहले से ही झारखंड की रणजी टीम में शामिल हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देवघर। Jharkhand Ranji Team: देवघर के तेज गेंदबाज शुभम सिंह को झारखंड के रणजी टीम का हिस्सा बनाया गया है। वे टीम के 15 सदस्यों में शामिल किए गए हैं। जानकारी हो कि शुभम सिंह काफी समय से रणजी टीम का दरवाजा खटखटा रहे थे।
ट्रायल व अन्य मुकाबलों में वे लगातार अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। उनकी मेहनत का आज उन्हें फल मिला है। जानकारी हो कि पहले दो मैच के लिए झारखंड की रणजी टीम की जो घोषणा की गई थी उसमें शुभम का नाम नहीं था। लेकिन इस बार उन्हें मौका मिला है। जानकारी हो कि देवघर के तेज गेंदबाज सौरभ सुमन पहले से झारखंड की रणजी टीम में शामिल हैं।
वे लगातार अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं। ऐसे में संभव है कि हम जल्दी की झारखंड की तेज गेंदबाजी की कमान देवघर के दो युवा गेंदबाज सौरभ व शुभम को संभालते हुए देख सकते हैं। शुभम के रणजी टीम में चयन पर जिला क्रिकेट संघ के सचिव विजय झा, डीपीएल के चेयरमैन सुनील खवाड़े व अन्य पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर करते हुए शुभकामना दी है और उम्मीद जाहिर की है कि यहां के दोनों तेज गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर देवघर का नाम रौशन करेंगे।
देवघर के शमशाद ने हरियाणा के खिलाफ झटके चार विकेट
वहीं झारखंड की अंडर-23 टीम के लिए खेल रहे देवघर के शमशाद अहमद ने बेहतर प्रदर्शन किया है। झारखंड के लिए राष्ट्रीय स्तरीय सके नायडू प्रतियोगिता में अपना पहला मैच खेल रहे शमशाद ने अपनी तेज गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। उसने हरियाणा के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में चार विकेट लिए। उसने महज 28 रन खर्च कर हरियाणा के चार बल्लेबाजों को आउट करने में सफलता हासिल की।
रणजी ट्रॉफी का इतिहास
रणजी ट्रॉफी की शुरुआत भारतीय क्रिकेटर रणजीत सिंहजी के नाम पर की गई थी, जो इंग्लैंड और ससेक्स के लिए खेलते थे। पहला मैच 4 नवंबर 1934 को मद्रास और मैसूर के बीच चेपक में आयोजित किया गया था।प्रतिभागी और प्रारूप
इस प्रतियोगिता में 38 में भाग लेती हैं, जिनमें से 21 टीमें भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करती हैं । प्रतियोगिता का प्रारूप राउंड-रॉबिन और नॉकआउट दोनों होता है, जिसमें टीमें अपने समूह में एक दूसरे के साथ खेलती हैं और फिर नॉकआउट चरण में आगे बढ़ती हैं ¹।
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