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    झारखंड विधानसभा में गूंजा Dhanbad Gas Leak का मुद्दा, हाई लेवल जांच की मांग

    By Balwant KumarEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 03:50 PM (IST)

    धनबाद के केंदुआ में जहरीली गैस रिसाव का मामला विधानसभा में उठा। विधायक राज सिन्हा ने सदन में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर धनबाद भेजने का आग्रह किया। ...और पढ़ें

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    झारखंड विधानसभा के बाहर विरोध करते हुए बीजेपी विधायक। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, धनबाद। केंदुआ में हो रहे जहरीली गैस रिसाव को आठ दिन बीत चुके हैं। अब तक इस गैस रिसाव को बंद नहीं किया जा सका है। हर दिन लोगों की स्थिति खराब हो रही है।

    ऐसे में मामले को लेकर धनबाद विधायक राज सिन्हा ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान इस मामले को सदन में उठाया और उन्होंने एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कर उसे धनबाद भेजने का आग्रह किया है।

    सिन्हा ने विधानसभा को बताया कि जहरीली गैस का रिसाव होना एक गंभीर मामला है। अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से अधिक लोग पीड़ित हैं। बीसीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से उन्हें विस्थापित करते हुए दूसरी जगह बसाने का प्रयास चल रहा है।

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    इसमें करीब एक सौ से अधिक रैयत भी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री से आग्रह है कि विस्थापन के मामले को विशेष रूप से देखा जाए। यह भी जरूरी है कि गैस रिसाव को रोकने ओर लोगों को सुरक्षित रखने का प्रयास हो।

    प्रबंधन के काफी प्रयास के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं

    प्रबंधन के काफी प्रयास के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। गैस रिसाव वाले क्षेत्र में रहने वालों को सचेत किया जाता है कि वर्तमान स्थिति में यहां न रहें। इस जगह पर गैस से जान को खतरा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यहां न रहें। यह मजमून है।

    बीसीसीएल के पुटकी बलिहारी क्षेत्र के केंदुआडीह कोलियरी प्रबंधन के उस नोटिस को जो इन दिनों गैस प्रभावित इलाकों की दीवारों पर चिपका हुआ दिख रहा है। इस नोटिस से साफ जाहिर है कि गैस रिसाव रोकने को लेकर बीसीसीएल के सारे कार्य विफल हैं और अब एक मात्र विकल्प यहां से लोगों को हटाना है।

    बीसीसीएल प्रबंधन के इस नोटिस के बाद से लोगों में और अधिक आक्रोश देखने को मिल रहा है। राजपूत बस्ती निवासी सदानंद बोस ने कहा कि हम हटने को तैयार हैं लेकिन प्रबंधन आरआर पालिसी के तहत उन्हें विस्थापित करे और पुनर्वास की व्यवस्था करे। उन्होंने यह भी कहा कि डरा कर या भय का माहौल बनाकर प्रबंधन किसी को हटा नहीं सकती है।