Jharkhand Weather झारखंड में मानसून के प्रवेश के बाद से मौसम सुहाना हो गया है। कई जिलों में बारिश हो रही है तो वहीं कई जिलों में 26 और 27 जून को बारिश की संभावना जताई गई है। 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आंधी भी चल सकती है। वहीं मौसम विभाग ने एक जुलाई तक थम-थम कर बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद/रांची। Jharkhand Weather News: संथाल के रास्ते झारखंड में प्रवेश के पांचवें दिन मानसून का धनबाद में आगमन हुआ। सुबह से धूप-छांव के बाद दोपहर में मौसम ने रंग बदल लिया। गरज के साथ झमाझम बारिश हुई। कुछ हिस्से में आधे घंटे तो कहीं-कहीं घंटे-डेढ़ घंटे तक तेज वर्षा हुई। मानसूनी वर्षा से उमस भरी गर्मी से राहत मिल गई। बुधवार को भी बारिश के आसार हैं।
उत्तर पूर्वी भागों में गरज से साथ बारिश के आसार
उत्तर पूर्वी भागों में गर्जन व आंधी के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई गई है। 26-27 जून को देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद और साहिबगंज के अलावा निकटवर्ती मध्य हिस्से यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो और खूंटी में भारी वर्षा के संकेत हैं। यहां लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।
40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आंधी
40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आंधी भी चल सकती है। मौसम विभाग ने एक जुलाई तक थम-थम कर बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है। मध्य प्रदेश से असम तक चक्रवाती घेरा बन गया है। इससे राजस्थान से झारखंड व बंगाल तक ट्रफ की स्थिति है। इससे अगले कई दिनों तक बारिश के आसार बने रहेंगे।
दिन रहा गर्म, शाम से मौसम हुआ सुहाना
मंगलवार को सुबह से लेकर दोपहर तक मौसम गर्म रहा। उमस भ्री गर्मी सताती रही। दोपहर के लगभग तीन बजे आसमान साफ था। उसके बाद काले बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। पहले शहर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई। फिर कुछ देर के बाद गरज के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। बारिश थमने के बाद शाम का मौसम सुहाना हो गया।
मूसलधार बारिश न होने से खड़ी फसलों की बुआई प्रभावित, किसान परेशान
Jharkhand News: जून समप्त होने में अब पांच दिन ही बचे हैं। मूसलधार बारिश के अभाव में खड़ी फसलों की बुआई अभी तक शुरू नहीं हुई है। इससे क्षेत्र के किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि आषाढ़ महीना प्रारंभ होने के साथ ही खड़ी फसलों का बीज बोना शुरू हो जाता था।
इस वर्ष बारिश कम होने से हल की जुताई व बीज की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के किसानों में अपने घर के पास जमीन पर मकई एवं दलहन का बीज बोने की परंपरा रही है।
किसान प्रत्येक वर्ष इसका उत्पादन भी करते हैं। इस वर्ष समय पर बारिश नहीं होने से बुआई प्रभावित हो गई है। किसानों का कहना है कि आषाढ़ महीना के अंबुबाची पर्व के मौके पर प्रत्येक वर्ष बारिश होने की परंपरा रही है, पर वह परंपरा भी अब टूटने लगी है। हालांकि मंगलवार को हुई मानसूनी बारिश ने किसानों के मायूस चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है।
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