हजारीबाग के हाथी ने 5 घंटे कराई मशक्कत, इलाज के लिए अंबानी के 'वंतारा' भेजना था; लगानी पड़ीं 2 क्रेन
झारखंड के हजारीबाग में घायल हाथी को वन विभाग के कर्मचारियों ने क्रेन की मदद से एंबुलेंस में चढ़ाया और इलाज के लिए गुजरात के जामनगर स्थित मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के जानवरों के पुनर्वास को समर्पित प्रोजेक्ट वंतारा भेजा। वंतारा एक एनिमल रेस्क्यू सेंटर है। जहां पर वन्यजीवों को फाइव स्टार जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
जागरण संवाददाता, हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग में हाथी को क्रेन से उठाकर एंबुलेंस में चढ़ाने में वन विभाग के कर्मचारियों के पसीने छूट गए। दरअसल, दो माह से भी अधिक समय से बीमार हाथी को विशेष एंबुलेस से शुक्रवार को हजारीबाग से जामनगर (गुजरात) भेजा गया है।
इस हाथी का अब जामनगर स्थित मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा तैयार जानवरों के पुनर्वास को समर्पित प्रोजेक्ट 'वंतारा' में इलाज होगा। 'वंतारा' में इलाज पूरा होने के बाद 'गजराज' को वापस झारखंड भेज दिया जाएगा।
3 हजार एकड़ में फैला है वंतारा
'वंतारा' रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा तैयार किया गया एक एनिमल रेस्क्यू सेंटर है। यह 3000 एकड़ में फैला हुआ है।जहां पर जानवरों को फाइव स्टार जैसी सुविधाएं मिलती हैं। बता दें कि गुजरात भेजे जा रहे हाथी को दो माह पूर्व आगे के बाएं पैर में चोट लग गई थी। यह गंभीर जख्म का रूप ले चुका है।
गजराज को क्रेन से उठाकर एंबुलेंस तक ले जाते वन विभाग के कर्मचारी। (फोटो- जागरण)
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।15 दिन से बीमार था हाथी
इस कारण हाथी पिछले 15 दिनों से गंभीर रूप से बीमार था और बड़कागांव के उरीमारी स्थित आंगो जंगल में पड़ा था। दो माह से उस पर पश्चिमी वन प्रमंडल की ओर से निगरानी रखी जा रही थी। जमशेदपुर वन्य प्राणी पार्क के चिकित्सकों की मदद से इलाज किया जा रहा था। परंतु उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए विभाग ने उसका रेस्क्यू किया। इलाज के लिए वन्य जीव आश्रयणी से अनुमति मांगी गई थी। अनुमति प्राप्त होते ही जामनगर से पहुंचे 14 सदस्यीय दल ने जंगल से रेस्क्यू कर विशेष एंबुलेंस में डाला और लेकर रवाना हो गए।घायल हाथी को क्रेन की मदद से एबुलेंस में रखती चिकित्सकों की टीम। (फोटो- उमेश दांगी)5 घंटे की मशक्कत के बाद एंबुलेंस में चढ़े गजराज
बीमार हाथी को एंबुलेंस पर डालने के लिए शुक्रवार को दो क्रेन की मदद ली गई। करीब पांच घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद चिकित्सकों के दल को हाथी को एंबुलेंस में रखने में सफलता मिली। एसीएफ एके परमार ने बताया कि दो माह से विभिन्न स्थानों पर इलाज किया जा रहा था। गजराज को क्रेन से उठाने और एंबुलेंस में चढ़ाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। (फोटो- जागरण)थोड़ा ठीक होने के बाद वह भ्रमण पर निकल जाता था, जिसके कारण उसका जख्म भर नहीं पा रहा था। अगर उसे आराम नहीं मिला तो शायद उसकी जान जा सकती है। यही कारण है कि विभाग से अनुमति मिलने के बाद इलाज के लिए गुजरात भेजा गया है।यह भी पढ़ें Jharkhand News: 23 हाथियों के झुंड ने हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग पर मचाया उत्पात, 9.30 घंटे तक बाधित रहा परिचालन, 32 ट्रेनें प्रभावितMP News: पता चल गया कैसे गई बांधवगढ़ में 10 हाथियों की जान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा