Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्वी सिंहभूम: 17,291 दिव्यांग पंजीकृत, 15,292 को मिला UDID कार्ड; सरकारी सुविधाएं अब आसानी से होंगी उपलब्ध

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 02:11 AM (IST)

    पूर्वी सिंहभूम जिले में 17,291 दिव्यांगजनों का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से 15,292 को UDID कार्ड मिले हैं। यह कार्ड दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं और सुव ...और पढ़ें

    Hero Image

    पूर्वी सिंहभूम में 15,292 लोगों को जारी हुआ UDID कार्ड। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले की ओर से दिव्यांगजन सुविधा और सहयोग की बड़ी तस्वीर सामने आई है। जिले में अब तक 17 हजार 291 दिव्यांगजन का पंजीकरण हुआ है, जिनमें से 15,292 लोगों को यूनिक दिव्यांग पहचान पत्र (यूडीआईडी कार्ड) जारी कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह पहचान पत्र उन्हें सरकारी योजनाओं, पेंशन और अन्य सहायता से सीधे जोड़ने में मदद करता है। जिले में सबसे अधिक मामले लोकोमोटर दिव्यांगता (चलने-फिरने में दिक्कत) के दर्ज हुए हैं, जिनकी संख्या 7100 है। इसके बाद सुनने में कमी (2245), बौद्धिक दिव्यांगता (2019) मुख्य श्रेणियों में शामिल हैं। इसके अलावा अंधत्व (1583), मानसिक बीमारी (1419), सेरेब्रल पाल्सी (224) और बहु-दिव्यांगता (491) जैसी श्रेणियां भी बड़ी संख्या में दर्ज हुई हैं।

    यूडीआइडी कार्ड जारी होने की स्थिति

    • जिले में यूडीआईडी कार्ड वितरण भी तेज गति से हो रहा है।
    • लोकोमोटर दिव्यांगता के 6323 कार्ड।
    • सुनने में कमी वाले 1938
    • बौद्धिक दिव्यांगता वाले 1883
    • अंधत्व श्रेणी में 1433 कार्ड जारी किए गए हैं।
    • थैलेसीमिया, सिकल सेल, पार्किंसन, बौनापन और हेमोफीलिया जैसी अन्य श्रेणियों में भी कार्ड वितरण लगातार जारी है।

    दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाएं मजबूत हो रहीं

    यूडीआइडी कार्ड दिव्यांगजनों को राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान देता है और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना आसान बनाता है। सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से बताया गया कि शत प्रतिशत पंजीकृत दिव्यांगजनों को पहचान पत्र उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

    कुष्ठ रोगियों के लिए विशेष सहायता

    जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय ओर से कुष्ठ रोगियों के दिव्यांगजन बीच यूडीआइडी कार्ड, दिव्यांग प्रमाणपत्र, बैसाखी, छड़ी, एमसीआर चप्पल और स्वयं देखभाल किट बांटी जा रही है। कुष्ठ की समय पर पहचान से दिव्यांगता रोकी जा सकती है।

    जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डा. रंजीत कुमार पांडा ने बताया कि समय पर पहचान और इलाज से कुष्ठ से होने वाली दिव्यांगता को रोका जा सकता है। कुष्ठ मरीजों को मासिक 500 रुपये की सहायता दी जा रही है, ताकि वे एमडीटी दवा का नियमित सेवन कर सकें।

    घर-घर खोज अभियान में 38 नए मरीज मिले

    जिला कुष्ठ परामर्शी डा. राजीव लोचन महतो ने बताया कि सिविल सर्जन के निर्देश पर 10 नवंबर से घर-घर कुष्ठ खोज अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 38 नए कुष्ठ मरीज पहचान में आए हैं और सभी को मुफ्त एमडीटी दवा उपलब्ध करा दी गई है। संदेहास्पद मरीजों की जांच जारी है और इसकी गति बढ़ाने की जरूरत है।

    1479 कुष्ठ दिव्यांगजन पहचान में

    जिले में अभी तक कुल 1479 कुष्ठ दिव्यांगजन चिन्हित किए गए हैं। इनमें चाकूलिया 75, बहरागोड़ा 162, धालभूमगढ़ 60, घाटशिला 71, मुसाबनी 72, डुमरिया 45, पोटका 452, जुगसलाई 76, पटमदा 102 और शहरी क्षेत्र व आश्रम से 364 मामले शामिल हैं।

    मुफ्त सर्जरी और परिवहन सेवा

    • पिछले 5 वर्षों में 59 नए कुष्ठ दिव्यांगजन मिले, जबकि 89 मरीजों की दिव्यांगता मुफ्त रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी से ठीक की गई।
    • डेमियन फाउंडेशन (एनजीओ) मरीजों को घर से अस्पताल सर्जरी के बाद अस्पताल से घर पूरी तरह मुफ्त लाने-ले जाने की सुविधा देता है।
    • अस्पताल में मरीजों को पौष्टिक भोजन भी दिया जाता है। सर्जरी कराने पर सरकार मरीज के खाते में 12,000 रुपये जमा करती है।