Ghatshila Upchunav result : सोमेश सोरेन की जीत ने बदला चुनावी समीकरण, झामुमो खेमे में जश्न, भाजपा में मायूसी
घाटशिला उपचुनाव की मतगणना के बाद जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में खुशी और गम का माहौल था। झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन ने भाजपा के बाबूलाल सोरेन को हराया। शुरुआती उत्साह के बाद, झामुमो की बढ़त ने भाजपा खेमे में निराशा ला दी। अंत में, झामुमो की जीत के साथ उत्सव मनाया गया, जहाँ समर्थकों ने सोमेश सोरेन को कंधों पर उठा लिया।

मतगणना स्थल के बाहर जश्न मनाते झामुमो कार्यकर्ता।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। घाटशिला उपचुनाव की मतगणना समाप्त होते ही जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज का परिसर भावनात्मक नाट्यमंच में तब्दील हो गया, जहां विजयी उल्लास और हार का गम दोनों साथ-साथ बह रहे थे। सुबह की शुरुआत जहां दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के लिए उम्मीदों की रौशनी लेकर आई थी, वहीं दोपहर तक तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी थी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन ने भाजपा के बाबूलाल सोरेन पर निर्णायक अंतर से जीत हासिल कर ली। सुबह नौ बजे के आसपास झामुमो और भाजपा दोनों के पंडालों में उत्साह चरम पर था।
झामुमो खेमे में सुमन महतो समर्थकों के साथ चाय पर चुनावी चर्चाओं में मशगूल थे। आत्मविश्वास उनके चेहरे से साफ झलक रहा था। उधर भाजपा पंडाल में भी उतना ही जोश था।
कार्यकर्ता विजय ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा कि यह सिर्फ चाय नहीं, जीत का अमृत है। आज कमल खिलकर रहेगा। 9:30 बजे भाजपा के चुनाव प्रभारी अभय सिंह और नंदजी प्रसाद के पहुंचने से माहौल और उत्साहित हो उठा।
हर राउंड के साथ बदलता माहौल
पहले राउंड के बाद ही माहौल थोड़ा बदला और दूसरे राउंड के बाद हवा का रुख स्पष्ट होने लगा। झामुमो के सोमेश सोरेन ने 5,454 वोटों की बढ़त बना ली, जिसने झामुमो खेमे में तालियों की गड़गड़ाहट और नारों की आवाज तेज कर दी।
चौथे राउंड तक यह बढ़त 7,104 वोटों तक पहुंच गई। जैसे-जैसे राउंड आगे बढ़ते गए, भाजपा पंडाल में उभरती चिंता साफ देखी जा सकती थी। नौवें राउंड तक अंतर 15,000 पार कर गया।
दोपहर 12 बजे भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन मतगणना स्थल पहुंचे, लेकिन बढ़ते अंतर को देखकर कुछ ही देर में चुपचाप लौट गए। उनकी खामोश रवानगी जैसे एक संकेत थी कि परिस्थितियाँ अब उनके पक्ष में नहीं रहीं।
फासले ने सुनाई जीत की घंटियां
दोपहर दो बजे तक चुनावी परिदृश्य बिल्कुल साफ था। बारहवें राउंड के बाद झामुमो की बढ़त 23,000 के पार हो चुकी थी। तेरहवें राउंड में यह अंतर 23,385 पर पहुंच गया।
भाजपा पंडाल, जो सुबह तक नारों और जयकारों से गूंज रहा था, अब धीरे-धीरे खाली होता गया। इक्का-दुक्का कार्यकर्ता बचे थे, जिनके चेहरों पर मायूसी साफ झलक रही थी। उधर झामुमो खेमे में उत्सव का रंग गहराता जा रहा था।
ढोल-नगाड़ों की थाप और जय झारखंड के नारों की गूंज मतगणना स्थल को विजय के रंगों में रंग रही थी। शाम होने तक झामुमो की जीत तय हो चुकी थी। 19वें राउंड तक झामुमो की बढ़त 36,989 वोटों तक जा पहुंची थी।
विजय का माहौल इतना तीव्र था कि टेंट में तिल रखने की भी जगह नहीं बची। विधायक मंगल कालिंदी और समीर मोहंती भोजन लेकर पहुंचे, मानो विजय महायज्ञ में आहुति दे रहे हों।
शाम पांच बजे विजयी उम्मीदवार सोमेश सोरेन मतगणना स्थल पहुंचे, जहां समर्थकों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया। यह न सिर्फ एक जीत का क्षण था, बल्कि महीनों की मेहनत, उम्मीद और भरोसे का चरमोत्कर्ष था।

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