Railway Kavach System: दपू रेलवे के सभी रूट को मिलेगी 'कवच' की सुरक्षा, 2028 तक होगा पूरा
लगातार बढ़ते ट्रेन हादसों को रोकने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे के सभी रूटों पर कवच सिस्टम लगाया जाएगा। दक्षिण पूर्व रेलवे में उच्च ट्रैफिक दबाव वाले तीन रेल खंड जिसमें हावड़ा-खड़गपुर खड़गपुर-भद्रक और खड़गपुर-टाटानगर-झारसुगुड़ा खंड शामिल हैं इनमें कवच सिस्टम लगाया जाएगा। इसका टेंडर 25 नवंबर 2024 को खुलेगा और 31 जनवरी 2025 बोली लगाने की अंतिम तारीख है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे के सभी रूटों पर भी ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली कवच सिस्टम (Indian Railways Kavach System) को लगाया जाएगा। कवच सिस्टम डिजिटल रेडियो-आधारित सिग्नलिंग पर काम करती है। जोन के उच्च ट्रैफिक दबाव वाले 688 रूट किलोमीटर में इस सिस्टम को वर्ष 2028 तक पूरा करने की योजना है। 25 नवंबर 2024 को इसके लिए टेंडर खोला जाएगा, वहीं 31 जनवरी 2025 टेंडर में बोली लगाने की आखिरी तारीख है।
रेलवे के लिए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
रेल प्रबंधन के अनुसार, भारतीय रेलवे ने हमेशा से सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं। मानवीय त्रुटि या उपकरण विफलता के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित, ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच को विकसित किया गया है। ये प्रशिक्षित पायलटों को वास्तविक समय की जानकारी देने के साथ-साथ ट्रेनों को हाई स्पीड पर चलाना सुरक्षित करता है।
स्वाचलित ब्रेक लगाता है कवच सिस्टम
पिछले कुछ समय में ट्रेन हादसों में इजाफा हुआ है। कवच सिस्टम लगने के बाद यदि लोको पायलट किसी भी कारण से ब्रेक मारने में विफल रहता है तो कवच सिस्टम स्वाचलित ब्रेक लगा देता है। खराब मौसम में भी यह सिस्टम सुरक्षित परिचालन में मदद करता है।
तीन संभाग में लगाया जाएगा कवच
दक्षिण पूर्व रेलवे में उच्च ट्रैफिक दबाव वाले तीन रेल खंड (हावड़ा-खड़गपुर, खड़गपुर-भद्रक और खड़गपुर-टाटानगर-झारसुगुड़ा खंड) में इसे लगाया जाएगा। 25 नवंबर 2024 को इसके लिए टेंडर खोला जाएगा। इसमें 1556 किलोमीटर (हावड़ा-खड़गपुर, खड़गपुर-भद्रक और खड़गपुर-टाटानगर-झारसुगुड़ा खंड) अत्याधिक उपयोग में लाए जाने वाले नेटवर्क में लगाया जाएगा।31 जनवरी 2025 तक लगा पाएंगे बोली
टेंडर में बोली लगाने की अंतिम तारीख 31 जनवरी 2025 है और इसे अस्थायी रूप से 2028 तक पूरा करने की योजना है। रेलवे अब तक 1548 रूट किलोमीटर में कवच सिस्टम को स्थापित कर चुका है जबकि 3000 रूट किलोमीटर पर काम चल रहा है। इसके अलावा 14,735 रूट किलोमीटर के लिए बोलियां आमंत्रित की गई है।
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