Jharkhand: भूख मिटाने के लिए हाथी ने रोक दी यात्री बस, खिड़की तोड़ निकाला खाने का सामान
लातेहार के गारू प्रखंड में एक जंगली हाथी ने आतंक मचाया। महुआडांड़ जा रही बस पर हमला कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया और यात्रियों के सामान खा गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा। घटना के दौरान क्षेत्र में दहशत का माहौल रहा और लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की गई।
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बारेसाढ़ में हाथी का आतंक। (फोटो जागरण)
संवाद सूत्र, गारू (लातेहार)। गारू प्रखंड क्षेत्र में शनिवार को एक जंगली हाथी के आतंक से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि हाथी महुआडांड़ के रास्ते होते हुए बारेसाढ़ पहुंचा था।
महुआडांड़ जा रही यात्री बस के चालक ने जब सड़क पर हाथी को आता देखा तो उसने गाड़ी रोक दी, उसने बस के सभी यात्रियों को गाड़ी से निकल कर सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी। थोड़ी देर में हाथी यात्री बस के पास पहुंचा और बस की खिड़की और गेट तोड़कर बस में यात्रियों के द्वारा रखे गए खाने पीने के समान को चट कर गया।
इसके अलावा पास में खड़ी एक बाइक को भी अपने पैर से रौंदकर नुकसान पहुंचाया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही वनपाल परमजीत तिवारी के नेतृत्व में वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद हाथी को सुरक्षित वन क्षेत्र मोना सीली की ओर भगा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हाथी घंटों बारेसाढ़ के आसपास की सड़कों पर घूमता रहा, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना रहा। सड़क से गुजरने वाले वाहनों को कुछ समय के लिए रोक दिया गया ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
ग्रामीणों के अनुसार हाथी ने बारेसाढ़ के कई ग्रामीणों के घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। हाथी को देखने के लिए सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए थे। इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों ने लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की।
वनपाल परमजीत तिवारी ने बताया कि हाथी को बिना किसी नुकसान के जंगल की ओर खदेड़ा गया है और क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीमों को सतर्क कर दिया गया है ताकि हाथी के दोबारा प्रवेश करने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
हाथी जहां भी जाता है लोगों का हुजम उसके पीछे चलने लगता है, इसके कारण वन विभाग के कर्मियों को कार्य करने में परेशानी होती है।

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