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    Palamu News: नई दर लागू होने के बाद खास महाल लीज नवीकरण ठप, लीज धारकों पर इस तरह डाला गया है बोझ

    By Sachidanand Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 04:52 PM (IST)

    राज्य सरकार द्वारा खास महाल लीज नवीकरण दर में 10% की वृद्धि के बाद मेदिनीनगर में नवीकरण का काम ठप हो गया है। नई दरों के कारण आवासीय और व्यावसायिक लीजध ...और पढ़ें

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    खास महाल लीज नवीकरण दर में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने के बाद मेदिनीनगर में अब तक एक भी लीज का नवीकरण नहीं हुआ है।

    सच्चिदानंद, जागरण, मेदिनीनगर (पलामू)। राज्य सरकार द्वारा जुलाई माह में खास महाल लीज नवीकरण दर में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी किए जाने के बाद मेदिनीनगर में अब तक एक भी लीज का नवीकरण नहीं हुआ है। बढ़ी हुई दर ने आवासीय और व्यावसायिक दोनों श्रेणियों के लीजधारकों पर आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है।

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    विशेषकर व्यावसायिक मुख्य मार्ग पर एक लाख रुपये से अधिक की बढ़ोतरी के कारण लीजधारक नवीकरण कराने से पीछे हट रहे हैं। मेदिनीनगर शहर में कुल 1893 लीजधारक हैं, जिनमें से सिर्फ 53 लीज ही जिंदा हैं, जबकि 1840 लीज धारक वर्षों से नवीकरण नहीं करा पाए हैं। नई दर लागू होने के बाद नवीकरण पूरी तरह ठप हो गया है।

    नई व पुरानी दरों में बड़ा अंतर

    राज्य सरकार द्वारा खास महाल लीज नवीकरण की संशोधित दर जारी होने के बाद आवासीय और व्यावसायिक दोनों श्रेणियों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नई दर आवासीय उप मार्ग में 5,18,370 रुपये प्रति डिस्मिल, आवासीय मुख्य मार्ग में 6,21,650 रुपये, जबकि व्यावसायिक उप मार्ग में 10,36,730 रुपये और व्यावसायिक मुख्य मार्ग में 12,43,290 रुपये प्रति डिस्मिल निर्धारित की गई हैं।

    वहीं, पूर्व की दर की तुलना करें तो आवासीय उप मार्ग में 4,71,240, आवासीय मुख्य मार्ग में 5,65,130, व्यावसायिक उप मार्ग में 9,42,480 और व्यावसायिक मुख्य मार्ग में 11,30,260 रुपये प्रति डिस्मिल दर लागू थी। नई दर के मुकाबले पुरानी दरों में अंतर काफी अधिक है, जिसके कारण लीजधारकों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।

     

    नवीकरण नहीं कराने की सबसे बड़ी वजह भारी सलामी और जुर्माना

    खास महाल लीज नवीकरण में सबसे बड़ी बाधा सलामी और जुर्माना की भारी राशि है। आवासीय क्षेत्र में जमीन के मूल्य का 2 प्रतिशत और व्यावसायिक क्षेत्र में 5 प्रतिशत सालाना सलामी के रूप में देना अनिवार्य है। इसके अलावा सलामी की कुल राशि पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है, जो अंतिम भुगतान को कई गुना बढ़ा देता है।

    इस भारी वित्तीय भार के कारण अधिकांश लीजधारक नवीकरण की प्रक्रिया से दूर हैंं। मेदिनीनगर में दर वृद्धि के बाद अब तक एक भी लीज का नवीकरण नहीं हो सका है। उदाहरण स्वरुप आवासीय क्षेत्र के 10 डिस्मिल लीज का यदि 40 वर्षों से नवीकरण नहीं हुआ है तो वार्षिक 2% सलामी 10,367 रुपये की दर से 40 वर्षों की सलामी 4,14,680 रुपये देना है।

    उसके साथ ही सलामी पर 10 गुना जुर्माना 41,46,800 रुपये देना है। सलामी व जुर्माने की राशि को मिलाकर कुल 45,61,480 रुपये जमा करना है। इतनी भारी राशि एकमुश्त जमा करना अधिकांश लोगों के लिए संभव नहीं, यही वजह है कि नवीकरण नहीं हो रहा।


    तुलनात्मक दर (प्रति डिस्मिल)


    श्रेणी                           पुरानी दर (₹)                नई दर (₹)              कुल बढ़ोतरी (₹)
    आवासीय उप मार्ग           4,71,240                    5,18,370              47,130
    आवासीय मुख्य मार्ग         5,65,130                     6,21,650             56,520
    व्यावसायिक उप मार्ग        9,42,480                    10,36,730            94,250
    व्यावसायिक मुख्य मार्ग      11,30,260                   12,43,290            1,13,030



    “राज्य सरकार द्वारा जुलाई माह में खास महाल लीज नवीकरण दर में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद से मेदिनीनगर में एक भी लीज का नवीकरण नहीं हुआ है। शहर में कुल 1893 लीजधारक हैं, जिनमें से अब तक केवल 53 लीज ही नवीकृत हो पाई हैं।”
    -प्यारेलाल, नोडल पदाधिकारी, खास महाल, मेदिनीनगर।