विद्युतवरण को क्यों नहीं बनाया गया मंत्री? झारखंड में कुरमी वोटरों पर सियासी संग्राम; JMM ने BJP पर दागे सवाल
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा के केंद्रीय कैबिनेट में राज्य के एक कुरमी सांसद को शामिल करने के कदम पर सवाल उठाया है। झामुमो का कहना है कि भाजपा चुनाव से पहले जाति के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा संताल को अलग कर झारखंड के विभाजन का षड्यंत्र रच रही है।
राज्य ब्यूरो, रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्रीय कैबिनेट में राज्य के एक कुरमी सांसद को शामिल करने की भाजपा की कवायद पर तंज कसते हुए कहा है कि चुनाव में भाजपा को कुरमी की याद आ रही है।
महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को कहा कि भाजपा सांप्रदायिकता और धर्म के बाद अब जाति के आधार पर लोगों को बांटने की साजिश कर रही है। भाजपा संताल को अलग कर झारखंड के विभाजन का षड्यंत्र रच रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की ओर से जातीय प्रलोभन दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री सीधे कुरमी जाति से केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बनाने की बात कह रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि लोकसभा चुनाव के बाद केंद्रीय कैबिनेट में जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण महतो को मंत्री क्यों नहीं बनाया गया? अब चुनाव के पहले ऐसी घोषणा का मकसद सब समझते हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में झारखंड में ओबीसी आरक्षण को 27 से घटाकर 14 प्रतिशत किया गया। उस मंत्रिमंडल में आजसू प्रमुख सुदेश महतो शामिल थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा के एक सांसद पिछले दिनों लोकसभा में संताल परगना को अलग कर केंद्रशासित राज्य बनाने की बात कह चुके हैं। भाजपा के नेता हेमंत सरकार के काम और लोकप्रियता से भयभीत होकर अपने स्लीपर सेल से जनहित याचिका न्यायालयों में दायर करवा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतियोगिता परीक्षाओं में कदाचार रोकने के लिए बने कानून, मंइयां सम्मान योजना, रोजगार के कदम के खिलाफ भाजपा ने जनहित याचिका दायर कराया।
घुसपैठियों को निकालने की जगह झामुमो ने अपना स्लीपर सेल बनाया: भाजपा
झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगाया है कि वह तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति करती है। मोर्चा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपना स्लीपर सेल बनाकर रखा है। तभी इन घुसपैठियों को बचाने के लिए संताल परगना के कई जिलों के उपायुक्त उच्च न्यायालय में एफिडेविट करके झूठ बोलते है।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 में घुसपैठियों की सूची उपलब्ध कराने के बावजूद के बावजूद इस सरकार ने घुसपैठियों को निकालने की पहल नहीं की। इसी सरकार के स्पेशल ब्रांच ने दो जून, 2023 को पत्र लिखकर स्पष्ट किया था कि मदरसों में बड़े पैमाने पर मुस्लिम घुसपैठियों के पहचान पत्र बनाने का कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 7000 से ज्यादा बेटियों का दुष्कर्म हुआ। जिसमें एक तिहाई से ज्यादा बेटियां वंचित और शोषित समाज से आती हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार में अगर हिम्मत है तो, वह श्वेतपत्र जारी कर यह बताए कि दुष्कर्म के कितने मामलों में सरकार ने समय पर चार्जशीट दाखिल किया और कितने दुष्कर्मियों को स्पीड ट्रैक कोर्ट के जरिए सजा दिलाई।
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