Jharkhand Election 2024: मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, नहीं लड़ पाएंगे विधानसभा चुनाव
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने वाली याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि कोयला घोटाला केस में 3 साल की सजा पाने वाले कोड़ा चुनाव लड़ना चाहते थे। इसलिएउन्होंने अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की थी। लेकिन SC ने कहा कि दोष स्थगित करने का यह कोई उचित आधार नहीं है।
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने वाली याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि कोयला घोटाला केस में 3 साल की सजा पाने वाले कोड़ा चुनाव लड़ना चाहते थे। इसलिए,उन्होंने अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की थी। लेकिन SC ने कहा कि दोष स्थगित करने का यह कोई उचित आधार नहीं है।
मधु कोड़ा ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद मधु कोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मधु कोड़ा की याचिका कर दी थी खारिज
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मधु कोड़ा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मधु कोड़ा केवल चुनाव लड़ने के लिए निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाना चाहते हैं, जो उचित नहीं है।हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि वह मामले में दोषी हैं, इसलिए सजा पर रोक लगाने का कोई ठोस आधार नहीं है। बता दें कि निचली कोर्ट ने मधु कोड़ा को कोयला घोटाले में दोषी ठहराया था। इसमें उनके साथ पूर्व कोयला सचिव और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु भी शामिल थे। सभी आरोपितों को तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
मधु कोड़ा की सियासी पारी
- मधु कोड़ा ने अपनी राजनीतिक यात्रा 2000 में शुरू की
- 2005 में झारखंड विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़कर जीत हासिल की
- झारखंड के 5वें मुख्यमंत्री के रूप में 18 सितंबर 2006 को दि्लाई गयी थी
- मधु कोड़ा किसी भी प्रांत में निर्दलीय उम्मीद्वार के रूप में मुख्यमंत्री बनने वाले पहले मुख्यमंत्री बने
- उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा, खासकर भ्रष्टाचार और अवैध खनन के आरोपों के कारण।
- 2008 में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
- इसके बाद, उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी, झारखंड नवनिर्माण मोर्चा (जेएनएम) की स्थापना की
- हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद, उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली
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