झारखंड में तत्काल बहाल हो इंटरनेट सेवा, हाईकोर्ट ने हेमंत सरकार को दिया आदेश; 6 हफ्ते में जवाब भी मांगा
झारखंड में JSSC CGL भर्ती परीक्षा को लेकर पिछले 2 दिनों से बंद चल रहे इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है। दरअसल राज्य में इंटरनेट बंद करने के मामले में हेमंत सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने हेमंत सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए झारखंड में तत्काल प्रभाव से इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ में जेएसएससी परीक्षा के चलते इंटरनेट सेवा बंद करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर अवकाश के दिन रविवार को विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि कोर्ट के आदेश के साथ सरकार ने फ्राड (धोखाधड़ी) किया है। ऐसा करना प्रथमदृष्टया आपराधिक अवमानना का मामला बनता है।
रविवार को सरकार ने अपने आदेश में बदलाव कर दिया। अदालत ने राज्य सरकार और कंपनियों को निर्देश दिया कि मामला लंबित रहने तक भविष्य में जब तक कोर्ट आदेश नहीं दे, तबतक परीक्षा को लेकर राज्य में इंटरनेट सेवा बंद नहीं की जाएगी।
सरकार ने क्या दलील दी
सरकार ने कहा कि खुफिया सूचना के बाद रविवार को मोबाइल इंटरनेट, ब्राड बैंड और लीज सेवा को भी बंद कर दिया गया। अदालत ने सभी कंपनियों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। यह भी पूछा गया कि सरकार की ओर से उन्हें क्या आदेश जारी किया गया था। मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
गृह सचिव ने क्या कहा
गृह सचिव ने कहा, खुफिया सूचना के बाद बदलाव हाई कोर्ट ने इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों बीएसएनएल, जिओ, एयरटेल और वोडाफोन सहित अन्य इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को मोबाइल इंटरनेट सेवा छोड़कर तत्काल ब्राड बैंड इंटरनेट सेवा बहाल करने का निर्देश दिया। जिसके बाद तत्काल सेवा बहाल कर दी गई।
हाईकोर्ट ने गृह सचिव पूछे तीखे सवाल
अदालत ने गृह सचिव वंदना दादेल को संचिका के साथ हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया। उनके संचिका के साथ उपस्थित होने के बाद फिर से हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू की गई।
अदालत ने उनसे पूछा कि जब शनिवार को सरकार की ओर से कहा गया था कि मोबाइल इंटरनेट सेवा आंशिक रूप से बंद किया गया है, तो दूसरे दिन ब्राड बैंड, लीज लाइन सहित अन्य इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश कैसे दिया गया। क्या यह कोर्ट के साथ फ्रॉड नहीं है।
उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर खुफिया सूचना के बाद रविवार को आदेश में बदलाव किया गया। प्रार्थी अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण की ओर से बताया गया कि उनके मोबाइल पर जिओ कंपनी की ओर से सूचना दी गई कि सरकार के आदेश पर इंटरनेट सेवा सुबह चार बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक बंद रहेगी।
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि उनकी ओर से सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक ही मोबाइल इंटरनेट, ब्राड बैंड और लीज लाइन सहित अन्य सेवाएं बंद रखने का आदेश दिया है।
अदालत ने जिओ कंपनी के अधिकारी से पूछा कि जब सरकार ने ऐसा आदेश नहीं दिया है तो कंपनी की ओर से ऐसा मैसेज कैसे जारी किया गया है। इसपर जिओ के अधिकारी ने कहा कि गलती हो गई। अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी गलती के लिए आपको यहां से सीधे जेल भेज दिया जाएगा।
अदालत ने इस संबंध में मूल संचिका की फोटो प्रति रजिस्ट्रार जनरल के यहां रखने का निर्देश देते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
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