जेल डॉक्टर की लापरवाही से गई बंदी की जान, अब चिकित्सक की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा; IG ने गृह विभाग को सौंपी रिपोर्ट
रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में एक बंदी की मौत के मामले में जेल चिकित्सक डॉ. कासिम असगर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। आरोप है कि उनकी लापरवाही से मरीज को समय पर इलाज के लिए रिम्स नहीं भेजा जा सका और उसकी मौत हो गई। मानवाधिकार आयोग में दर्ज केस के बाद इस मामले की जांच हुई। अब कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
प्रिंस श्रीवास्तव, रांची। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंदी रामनंदन यादव पुत्र झिरी यादव की मौत के मामले में जेल चिकित्सक डॉ. कासिम असगर के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
जेल आइजी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट गृह विभाग की सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि डॉ. कासिम असगर की लापरवाही से मरीज को समय पर इलाज के लिए रिम्स नहीं भेजा जा सका और उसकी मौत हो गई।
जेल आइजी की रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर डॉ. कासिस असगर के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। मानवाधिकार आयोग में दर्ज केस के बाद हुई जांच रामनंदन यादव की मौत के मामले में मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज किया गया है।
इसके बाद इस मामले की जांच के लिए जेल आइजी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी के दो सदस्यों अवर सचिव कारा निरीक्षणालय अरिवंद कुमार और सहायक कारा महानिरीक्षक तुषार रंजन गुप्ता ने स्थलीय जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी।
रिपोर्ट में कही गई यह बात
रिपोर्ट में कहा गया है कि सजायाफ्ता बंदी रामनंदन यादव को 10 अगस्त 2021 को पहली बार डॉ. कासिम असगर द्वारा उच्चतर संस्थान रिम्स भेजने की अनुशंसा की गई थी।
कारा चिकित्सक द्वारा 10 अगस्त, 2021 को मिनट बुक जो सिविल सर्जन और जेल अधीक्षक को भेजा गया, उसपर कारापाल या अधीक्षक से सीन नहीं करवाया गया, जबकि नियमत: यह जरूरी था।
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कारा चिकित्सक द्वारा कारा हस्तक नियम का अनुपालन नहीं किया गया है। उन्हें 10 अगस्त, 2021 को मिनट बुक में की गई अनुशंसा को तुरंत कारापाल के संज्ञान में लाना चाहिए था।
खाना निगलने में मरीज को थी शिकायत, 24 घंटे तड़पता रहा
10 अगस्त, 2021 को बंदी राजनंदन यादव ने खाना निगलने में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद कारा चिकित्सक द्वारा रिम्स भेजने की अनुशंसा की गई। सिविल सर्जन से अनुमोदन नहीं मिलनेके कारण उसे अगले दिन 11 अगस्त को भी रिम्स नहीं भेजा जा सका।
12 अगस्त, 2021 को उक्त बंदी की स्थिति बहुत खराब होने पर कारा अधीक्षक के संज्ञान में लाकर उसे रिम्स भेजा गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। कारा चिकित्सक द्वारा बंदी को ‘सेव लाइफ’ कर बिलंब से भेजा गया।
बंदी की खराब स्थिति को देखते हुए ‘सेव लाइफ’ लिखते हुए बंदी को रिम्स भेजा जाना चाहिए था। जांच प्रतिवेदन के आलोक में डा. कासिम के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
यह भी पढ़ें-