Lampus में धान खरीद में देरी, चक्रधरपुर के किसान मजबूरी में बिचौलिए को दे रहे सस्ते दाम पर फसल
चाईबासा जिले के चक्रधरपुर में लैंपस में धान खरीद में देरी से किसान परेशान हैं। वे अपनी फसल को कम दामों पर बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हैं। किसानों ...और पढ़ें

किसानों के खलिहान में पुंज बनाकर रखी गई धान की फसल।
देरी के कारण किसानों पर बढ़ा संकट, बिचौलिए सक्रिय
इस वर्ष एकमुश्त भुगतान की उम्मीद
चक्रधरपुर में 80% धान कटाई पूरी
पंजीकरण जरूरी, 832 किसान हैं दर्ज
सरकारी देरी ने बढ़ाई किसानों की बेचैनी
इस वर्ष धान की फसल बेहतर हुई है। चक्रधरपुर में किसानों को दो उन्नत किस्म के धान के बीज उपलब्ध कराए गए थे। इनमें स्वर्णा 7029 तथा 1010 शामिल थे। क्षेत्र में 80 फीसद धान की कटाई पूरी हो गई है। वहीं धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों को पंजीयन कराना होगा। पूर्व में पंजीकृत किसानों को पंजीयन नहीं कराना है।
दिलीप कुमार महतो, प्रखंड कृषि पदाधिकारी चक्रधरपुर
बाजार के लोग बिचौलिए घर-खेत आकर धान ले जाते हैं। इससे हमें अतिरिक्त मेहनत करने की जरूरत नहीं होती। धान को पैकिंग कर वाहन को भाड़ा देकर, मजदूरों को प्रति बोरा मेहताना देकर केंद्र तक पहुंचाया जाता है। जिसमें हमारी जेब ढीली हो जाती है। उसके बाद भी धान के बदले मिलने वाली राशि के लिए महीनों का इंतजार करना कष्टकार है।
अंगद महतो, किसान
मंगलवार को जिला मुख्यालय में धान अधिप्राप्ति के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। धान अधिप्राप्ति संबंधी दिशा निर्देश मिलेगा, जिसके बाद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वैसे गोदाम पूरी तरह तैयार कर ली गई है। जानकारी मिली है कि इस वर्ष दो नहीं एक ही किस्त में किसानों को पूरी राशि दी जाएगी।
बनबिहराी लोहार, सचिव, गोपीनाथपुर लैम्पस चक्रधरपुर
मैंने अपनी धान की फसल बेच दी है। हालांकि सरकारी दर से थोड़ी कम पैसा मिलता है, लेकिन भागमगाम से बच जाते हैं। धान अधिप्राप्ति केंद्र में उपज देने के बाद पैसे के लिए महीनों लग जाते हैं। जबकि बाजार में बेच देने से हाथों हाथ पैसे मिल जाते हैं और समय पर हमारी जरूरत भी पूरी हो जाती है।
जोसेफ पूर्ति, किसान

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