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    JMM-CONGRESS: धरती आबा की जन्मस्थली से उठेगी संघर्ष की आवाज, चम्पाई बोले- झारखंड की डेमोग्राफी बदल रही सरकार

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 10:06 PM (IST)

    झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से संघर्ष शुरू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि राज्य की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश हो रही है, जिसके खिलाफ सरकार लड़ेगी। उन्होंने जनता से एकजुट होकर राज्य के हितों की रक्षा करने का आह्वान किया और विपक्ष पर राज्य को अस्थिर करने का आरोप लगाया।

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    बुधवार को राजनगर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन।

    संवाद सूत्र, राजनगर। आदिवासी मूलवासियों के अधिकार, भूमि और अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष की पुकार एक बार फिर तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने बुधवार को राजनगर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि अबुआ सरकार झारखंड की जनसांख्यिकी (Demography) बदलने की साजिश में लगी है।

    चम्पाई ने घोषणा की कि 15 नवंबर से भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से उलगुलान (आंदोलन) की शुरुआत होगी, जो 22 दिसंबर को सिदो-कान्हू की जन्मभूमि भोगनाडीह में विशाल सभा के साथ समाप्त होगी। इसी दिन अबुआ सरकार के आदिवासी विरोधी चेहरे का फर्दाफाश किया जाएगा। 

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    कांग्रेस ने आदिवासी आंदोलन को हमेशा कुचला 

    चम्पाई ने कहा कि झारखंड की धरती वीरों की रही है। चाहे बाबा तिलका मांझी हों, वीर रघुनाथ सिंह के नेतृत्व में हुआ चुआड़ विद्रोह हो, कोल्हान के वीर पोटो हो, या सिदो-कान्हू, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, टाना भगत, तेलंगा खड़िया जैसे अनगिनत शहीद इन सबने अपने हक और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया।

    उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा इन संघर्षों को दबाने का काम किया, आंदोलनकारियों पर गोलियां चलवाईं, और उनके योगदान को इतिहास में कमतर दिखाने की कोशिश की। चम्पाई ने कहा कि कोल्हान के ईचा डैम आंदोलन में गंगाराम कालूंडिया तक को कांग्रेस सरकार ने गोली चलवाई थी। 

    भाजपा सरकार ने ही आदिवासियों की भावना का सम्मान किया 

    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया, लेकिन जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी, तभी जाकर 15 नवंबर 2000 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर अलग झारखंड राज्य का गठन हुआ।

    पूर्व मुुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र में अटल जी की सरकार नहीं होती, तो आज भी अलग राज्य की मांग अधूरी रहती और कांग्रेस उस आंदोलन को कुचलती रहती। चम्पाई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आदिवासी समाज के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

    उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 1.26 लाख करोड़ रुपये का बजट आदिवासी कल्याण के लिए आवंटित किया है। साल 2014 से पहले देश में मात्र 123 एकलव्य विद्यालय थे, जो अब बढ़कर 715 मॉडल एकलव्य आवासीय विद्यालय हो चुके हैं, जिनमें 1.32 लाख आदिवासी विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

    चम्पाई ने कहा कि मोदी सरकार में आदिवासी समाज के लोगों को सम्मानजनक स्थान मिला है। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनीं, जो गौरव का प्रतीक है। 

    जमीन लूटने वालों को जेल भेजा जाएगा

    चम्पाई सोरेन ने चेतावनी दी कि झारखंड की सत्ता में बैठे वे लोग जो सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं, आदिवासियों की जमीन लूटने में संलिप्त हैं, उन्हें आज नहीं तो कल एनोस एक्का की तरह होटवार जेल का रास्ता देखना पड़ेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू भी मौजूद रहे।