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Sunscreen लगाने के बाद भी हो रही है टैनिंग की प्रॉब्लम, तो मुमकिन है ये 5 गलतियां कर रहे हों आप!

सनस्क्रीन लगाने के बाद भी टैनिंग क्यों होती है? अगर आप इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी गलतियों (Common Sunscreen Mistakes) के बारे में बताएंगे जिन्हें सनस्क्रीन लगाते वक्त लोग अक्सर कर बैठते हैं और इसके चलते टैनिंग और डल स्किन की प्रॉब्लम को झेलना पड़ता है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sun, 29 Sep 2024 02:00 PM (IST)
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Sunscreen का यूज करने बाद भी टैनिंग कर रही है परेशान? (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनस्क्रीन लगाने के बाद भी कई बार हम टैन हो जाते हैं? ऐसा क्यों होता है? दरअसल, इसका मतलब है कि आप सनस्क्रीन को सही तरीके से नहीं लगा रहे हैं। आज हम आपको सनस्क्रीन लगाने की कुछ आम गलतियों (Why Sunscreen Isn't Working) के बारे में बताएंगे, जो आपकी त्वचा को धूप से बचाने में बाधा बन सकती हैं। आइए जानते हैं कि आप इन गलतियों से कैसे बच (Tips for Effective Sunscreen Application) सकते हैं और अपनी स्किन को सन से होने वाले डैमेज से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।

स्किन टाइप का ख्याल

हर ब्यूटी प्रोडक्ट को लगाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपकी त्वचा किस तरह की है। खासकर सनस्क्रीन चुनते समय। ऑयली स्किन वालों के लिए जेल बेस्ड सनस्क्रीन सबसे अच्छी होती है, वहीं ड्राई स्किन से जुड़े लोगों के लिए सनस्क्रीन का लोशन फॉर्म ज्यादा बढ़िया माना जाता है। अक्सर लोग अपने स्किन टाइप को नजरअंदाज कर देते हैं और किसी भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिसके कारण उन्हें टैनिंग से परेशान रहना पड़ता है।

सही मात्रा है जरूरी

जितना जरूरी सनस्क्रीन लगाना है, उतनी ही जरूरी इसकी सही मात्रा का ख्याल रखना भी है। इस दौरान आपको 2 या 3 फिंगर रूल को फॉलो करना होता है यानी 2-3 उंगली के बराबर सनस्क्रीन लगाने पर ही स्किन टैनिंग से बच सकती है, नहीं तो इसे लगाने का कोई भी फायदा नहीं मिलता है। इसके साथ ही इसे सही तरीके से गर्दन तक ब्लेंड करना भी बेहद जरूरी है जिससे आपकी स्किन हर जगह से टैनिंग से बची रहे।

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सही सनस्क्रीन चुनना

सनस्क्रीन चुनते समय सिर्फ एक्सपायरी डेट ही नहीं, बल्कि एसपीएफ और पीए रेटिंग पर भी ध्यान देना काफी जरूरी है। एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर, जो आपको उन यूवीबी किरणों से बचाता है जो त्वचा को टैन करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। वहीं, पीए यानी प्रोटेक्शन ग्रेड, यूवीए किरणों से आपकी स्किन को प्रोटेक्ट करता है जो त्वचा को जल्दी बूढ़ा बनाती हैं और झुर्रियां पैदा करती हैं। एक अच्छी सनस्क्रीन में कम से कम एसपीएफ 50 और PA+++ तो होना ही चाहिए।

सिर्फ बाहर निकलने पर इस्तेमाल

बहुत से लोग सिर्फ तभी सनस्क्रीन लगाते हैं जब उन्हें घर से बाहर जाना होता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिन में कम से कम तीन बार सनस्क्रीन जरूर लगानी चाहिए, चाहे फिर आप घर पर ही क्यों न हों। धूप के अलावा भी प्रदूषण और धूल-मिट्टी की वजह से स्किन का रंग फीका पड़ जाता है और टैनिंग की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे सिर्फ घर से बाहर निकलने पर ही लगाने की गलती न करें।

मॉइस्चराइजर के साथ मिलाना

कई लोग सनस्क्रीन को अपने डेली स्किनकेयर रूटीन में शामिल तो करते हैं, लेकिन इस दौरान एक बड़ी गलती कर रहे होते हैं। जी हां, क्या आप जानते हैं कि सनस्क्रीन को अन्य क्रीम या मॉइस्चराइजर के साथ मिलाना ठीक नहीं है? दरअसल, ऐसा करने से सनस्क्रीन की इफेक्टिवनेस कम हो जाती है। इससे सनस्क्रीन की एक पतली परत बन जाती है जो आपकी त्वचा को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए काफी नहीं है। इसलिए, आपकी त्वचा टैन हो सकती है या धूप से होने वाले अन्य नुकसान का शिकार हो सकती है।

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