भारत में H9N2 वायरस के दूसरे मामले ने बढ़ाई चिंता, जानें कैसे इंसानों में फैलता है Bird Flu और कैसे करें पहचान
बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों ने दुनियाभर में लोगों की चिंता बढ़ा दी है। भारत में भी अब एवियन इन्फ्लूएंजा ए (H9N2) का इंसानी मामला सामने आया है जिसे लेकर लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। यह Bird Flu का दूसरा मामला है। इससे पहले साल 2019 में पहली बार इंसानों में इसका पहला मामला सामने आया था। ऐसे में जानते हैं इसके कुछ लक्षण।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से बर्ड फ्लू (Bird Flu) लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। अमेरिका समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसके मामले सामने आने के बाद अब भारत में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं। हाल ही में यहां इंसानों में एवियन इन्फ्लूएंजा ए (H9N2) का दूसरा मामला सामने आया है। बता दें कि भारत में पहली बार साल 2019 में H9N2 का पहला मामला सामने आया था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल में एक बच्चे में एवियन इन्फ्लुएंजा ए (H9N2) वायरस से संक्रमण का मामला पाया गया था।
दुनियाभर में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता काफी बढ़ गई है। वैज्ञानिकों की मानें तो बर्ड फ्लू एक नई महामारी की वजह बन सकता है। साथ ही यह कोरोना महामारी से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव के लिए इस संक्रमण से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में पता हो। ऐसे में आज जानेंगे H9N2 एवियन इन्फ्लुएंजा के इंसानों में लक्षणों के बारे में और कैसे यह संक्रमण मनुष्यों में फैलता है।
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H9N2 वायरस क्या है?
H9N2 एवियन फ्लू इन्फ्लुएंजा ए, आमतौर पर मुर्गियों और टर्की जैसे पोल्ट्री पक्षियों को प्रभावित करता है। इसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है और यह इंसानों को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इंसानों में इसका पहला मामला साल 1992 में, हांगकांग से सामने आया। तब से यह वैरिएंट एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में एक प्रकार का बर्ड फ्लू बन गया है।
H9N5 एवियन फ्लू के लक्षण
- खांसी
- बुखार
- पीठ दर्द
- गले में खराश
- अत्यधिक थकावट
- मांसपेशियों में दर्द
- पाचन संबंधी समस्याएं
इंसानों में कैसे फैलता है H9N5?
यह वायरस आमतौर पर पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन इससे इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबित यह वायरस संक्रमिक तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है। संक्रमित पक्षियों या उनके तरल पदार्थ की बूंदों के सीधे संपर्क में आने से यह मुख्य रूप से फैलता है। वहीं, बात करें इंसानों से इंसानों तक इसके फैलने की, तो यह काफी दुलर्भ है, लेकिन ऐसा होना संभव है।यह भी पढ़ें- जापान में कोहराम मचा रहा Flesh Eating Bacteria, एक्सपर्ट्स से जानें क्या भारत के लिए खतरा बन सकती है यह बीमारीDisclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।