क्या IVF से पूरा हो सकता है Diabetes से पीड़ित महिलाओं के मां बनने का सपना? डॉक्टर ने दिया जवाब
कई लोग मानते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं (Diabetic Women) आईवीएफ तकनीक के जरिए गर्भवती नहीं हो सकती हैं लेकिन आपको बता दें कि यह पूरी तरह से सच नहीं है। जी हां ओएसिस फर्टिलिटी की क्लिनिकल हेड और फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. जिग्ना तमागोंड बताती हैं कि आज डायबिटीज को मैनेज करते हुए कई महिलाएं आईवीएफ (IVF) के सहारे मां बन रही हैं। आइए जानें कि कैसे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं (Diabetic Women) के लिए प्रेग्नेंसी की जर्नी अक्सर भ्रम और गलतफहमियों से घिरी होती है। एक आम गलत धारणा यह है कि टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के माध्यम से स्वस्थ गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। हालांकि, प्रजनन चिकित्सा में हुए उल्लेखनीय विकास और डायबिटीज मैनेजमेंट के बारे में बढ़ती समझ के साथ, डायबिटीज से पीड़ित कई बहुत-सी महिलाएं अब आईवीएफ के जरिए सफलतापूर्वक गर्भवती हो रही हैं। आइए जानते हैं कि कैसे डायबिटीज मातृत्व के सपने में बाधा नहीं बनता और इससे पीड़ित महिलाएं आईवीएफ के माध्यम से एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए कैसे तैयार हो सकती हैं।
मिथक: डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं IVF से गर्भवती नहीं हो सकतीं या स्वस्थ गर्भावस्था नहीं रख सकतीं।
सबसे आम मिथकों में से एक यह है कि डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं आईवीएफ के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं होतीं क्योंकि उनके बारे में जोखिम और जटिलताओं की गलत धारणा होती है। डायबिटीज, विशेष रूप से जब कंट्रोल नहीं होता है, तो वास्तव में प्रजनन और गर्भधारण के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए, हाई ब्लड शुगर का स्तर हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, नियमित ओव्यूलेशन को बाधित कर सकता है, और पीरियड्स को अनियमित कर सकता है, जिससे गर्भधारण जटिल हो सकता है। शोध से पता चला है कि डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को डायबिटीज का निदान होने से पहले भी हार्मोनल प्रभावों के कारण प्रजनन क्षमता में कमी का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, काबू से बाहर डायबिटीज से गर्भपात और समय से पहले जन्म की संभावना भी बढ़ सकती है।यह भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी में Breast Cancer का इलाज कितना सुरक्षित? इन कारणों से बीमारी की चपेट में आती हैं महिलाएं
हालांकि, इन जोखिमों को नियंत्रित किया जा सकता है। आज, डॉक्टर इस बात से सहमत हैं कि अगर सही तरीके से योजना बनाई जाए और देखभाल की जाए तो डायबिटीज वाली महिलाएं भी सुरक्षित रूप से आईवीएफ करवा सकती हैं और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। यह दिखाना जरूरी है कि डायबिटीज और आईवीएफ के बीच कोई असल मतभेद नहीं है। इससे डायबिटीज वाली महिलाएं अपने प्रजनन विकल्पों के बारे में बेहतर निर्णय ले पाएंगी।
सच्चाई: डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं IVF के जरिए स्वस्थ गर्भधारण कर सकती हैं।
जब डायबिटीज को अच्छे से नियंत्रित किया जाता है तो डायबिटीज वाली महिलाओं के लिए आईवीएफ से बच्चा पैदा करने की संभावना काफी बढ़ जाती है। अगर ब्लड शुगर लेवल हमेशा सही रहे तो एग की क्वालिटी भी अच्छी होती है और गर्भ ठीक से लगने की उम्मीद भी बढ़ जाती है। दरअसल, जो महिलाएं डायबिटीज की दवाइयां नियमित रूप से लेती हैं और डॉक्टर की सलाह मानती हैं, उन्हें भी सामान्य महिलाओं की तरह आईवीएफ से बच्चा पैदा हो सकता है। बच्चे के जन्म की दर उनकी उम्र और सेहत पर निर्भर करती है, लेकिन यह 30% से 50% तक हो सकती है।