Vitamin D: इन चीजों को डाइट में शामिल कर विटामिन-डी को कर सकते हैं बूस्ट
Vitamin D हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा ही विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए डाइट में सी फूड्स शामिल करने की सलाह देते हैं। सी फूड्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन-डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Vitamin D: आधुनिक समय में सेहतमंद के लिए रोजाना संतुलित आहार लें और एक्सरसाइज करें। खानपान में लापरवाही बरतने से शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इससे मैटाबोलिक सिंड्रोम, अवसाद, और डिमेंशिया आदि बीमारियां होती हैं। वहीं,विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। विटामिन-डी का मुख्य स्त्रोत धूप है। इसके लिए डॉक्टर धूप सेंकने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, आप डाइट में इन चीजों को शामिल कर विटामिन-डी को बूस्ट कर सकते हैं। आइए जानते हैं-
साल्मन मछली खाएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए डाइट में सी फूड्स शामिल करने की सलाह देते हैं। सी फूड्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन-डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए डाइट में साल्मन को शामिल कर सकते हैं। साल्मन मछली सी फूड्स है। इसके सेवन से विटामिन-डी बूस्ट होता है।
मशरूम खाएं
डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को बढ़ते शुगर को कंट्रोल करने के लिए मशरूम खाने की सलाह देते हैं। इसमें कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, मशरूम में विटामिन-डी भी पाया जाता है। इसके लिए डाइट में मशरूम को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, वनों में मिलने वाले मशरूम में विटामिन डी अधिक पाया जाता है।
अंडे खाएं
अंडे में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए अंडे को सुपरफूड भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन के अलावा आवश्यक पोषक तत्व विटामिन डी भी पाया जाता है। विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए अपनी डाइट में अंडे को शामिल कर सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो रोजाना अंडे का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से विटामिन डी बूस्ट होता है।
गाय का दूध पिएं
गाय के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-डी और राइबोफ्लेविन पाए जाते हैं। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है। साथ ही विटामिन डी की कमी भी पूरी होती है। इसके लिए रोजाना गाय के दूध का सेवन जरूर करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।