थायरॉइड डिसऑर्डर बढ़ा देता है Heart Disease का खतरा, डॉक्टर से जानें क्या है इसकी वजह
थायरॉइड हार्मोन हमारे मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने का काम करता है लेकिन इसमें होने वाली किसी भी डिसऑर्डर की वजह से आपकी सेहत को काफी गहरा नुकसान हो सकता है। इन परेशानियों में दिल की बीमारियों का खतरा भी शामिल है। आइए इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं कि कैसे थायरॉइड डिसऑर्डर (Thyroid Disorder) की वजह से हार्ट डिजीज (Heart Disease) का खतरा बढ़ता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Thyroid Effects on Heart: थायरॉइड ग्लैंड हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह थायरॉइड हार्मोन रिलीज करता है, जो मेटाबॉलिज्म कंट्रोल करने के साथ-साथ और भी कई जरूरी काम करता है। हालांकि, कई बार थायरॉइड हार्मोन बेहतर तरीके से काम नहीं कर पाता और थायरॉइड हार्मोन के स्तर में गड़बड़ी होने लगती है।
जब थायरॉइड हार्मोन जरूरत से ज्यादा रिलीज होने लगता है, तो उस कंडिशन को हाइपरथायरॉइडिज्म कहा जाता है। वहीं जरूरत से कम स्तर में इस हार्मोन के रिलीज को हाइपोथायरॉइडिज्म कहा जाता है। इसकी वजह से मेटाबॉलिक फंक्शन से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि थायरॉइड डिसऑर्डर की वजह से दिल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस बारे में हमने डॉ. बिमल छाजर (SAAOL Heart Centre, नई दिल्ली के निदेशक और AIIMS के पूर्व कंसल्टेंट) से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उन्होंने क्या बताया।
डॉ. छाजर कहते हैं कि हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइडिज्म ऐसी दो थायरॉइड कंडिशन्स हैं, जिनका दिल पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल, थायरॉइड ग्लैंड बॉडी के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है, लेकिन इसके कारण हार्मोन्स में असंतुलन की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
Hyperthyroidism का दिल पर प्रभाव
हाइपरथायरॉइडिज्म, जिसमें थायरॉइड ग्लैंड ज्यादा एक्टिव हो जाता है, जिसके कारण दिल की धड़कने तेज होना या बहुत दबाव से दिल का धड़कना, जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दिल की धड़कने असामान्य होने की वजह से हार्ट पाल्पिटेशन, टेकीकार्डिया और कुछ गंभीर मामलों में एट्रियल फिब्रिलेशन भी हो सकता है। आपको बता दें एट्रियल फिब्रिलेशन एक जानलेवा कंडिशन हो सकती है, जिसमें दिल अनियमित तरीके से धड़कना शुरू कर देता है, जिसकी वजह से हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा भी रहता है। मेटाबॉलिज्म तेज होने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसके कारण कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।यह भी पढ़ें: क्यों महिलाएं आसानी से हो जाती हैं Thyroid Disorder की शिकार