Cyber Crime: अश्लीलता परोस रहे टेलीग्राम के ग्रुप, मीटिंग-चैटिंग के नाम पर कर रहे ठगी; ऐसे बिछाते हैं जाल
टेलीग्राम पर अश्लीलता का धंधा खुलेआम चल रहा है। इंस्टाग्राम या फेसबुक के माध्यम से पहले लिंक पर लोगों को ग्रुप का इनवाइट भेजा जाता है। यहां ग्रुप के एडमिन कई आनलाइन मॉडलों को ग्रुप में जोड़ते हैं और उनसे वीडियो चैट करने के लिए ग्रुप के अन्य सदस्यों से रुपये चार्ज करते हैं। बाद में इन्हीं युवकों को मॉडल से रियल मीट करने का ऑफर भी दिया जाता है।
जेएनएन, भोपाल। फिल्मों और वेबसीरीज के लिए प्रचलित मैसेजिंग एप टेलीग्राम का नेटवर्क अब अश्लीलता और अपराध की दुनिया से भी जुड़ चुका है। भोपाल के युवा भी अब इससे दूर नहीं हैं। शहर में ऐसे 100 से अधिक ग्रुप संचालित हैं, जो अश्लीलता परोसकर पहले लोगों को आकर्षित करते हैं, फिर मोटी रकम लेकर वीडियो चैट तथा बाद में उनसे मीटिंग के पैसे ऐंठकर चंपत हो जाते हैं।
शहर में रोजाना ही इस तरह लोगों के साथ ठगी की वारदात की जा रही है। परंतु लोकलाज के चलते लोगों की शिकायतें थाने या साइबर क्राइम सेल तक नहीं पहुंच पाती हैं।
टेलीग्राम पर खुलेआम चल रहा अश्लीलता का धंधा
टेलीग्राम पर अश्लीलता का धंधा खुलेआम चल रहा है। इंस्टाग्राम या फेसबुक के माध्यम से पहले लिंक पर लोगों को ग्रुप का इनवाइट भेजा जाता है। यहां ग्रुप के एडमिन कई आनलाइन मॉडलों को ग्रुप में जोड़ते हैं और उनसे वीडियो चैट करने के लिए ग्रुप के अन्य सदस्यों से रुपये चार्ज करते हैं।
बाद में इन्हीं युवकों को मॉडल से रियल मीट करने का ऑफर भी दिया जाता है। जिसके एवज में युवाओं से सात से दस हजार रुपये तक लिए जाते हैं। वहीं जब यह रकम जमा कर दी जाती है, तो उस व्यक्ति को ग्रुप से हटा दिया जाता है। उसे न तो मॉडल से मिलवाया जाता है और न ही उसके रूपये वापस किए जाते हैं। इसको लेकर इक्का-दुक्का शिकायतें हीं पुलिस थाने तक पहुंच पाई हैं।
पुलिस कर रही कार्रवाई
सरकार और पुलिस के शिकंजे से भी दूर हैं एप की गतिविधियां चिंता की बात यह है कि अश्लीलता के इस धंधे पर अब तक पुलिस की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। न तो ठगों पर पुलिस का कोई शिकंजा कसा जा रहा है और न ही उनके ग्रुप को प्रतिबंधित किया जा रहा है। टेलीग्राम के इन ग्रुपों पर जो भी कार्रवाई होती है, वह केंद्र सरकार के द्वारा ही समय-समय पर की जाती है।
सरकार ने ऐसे तीन लाख से अधिक ग्रुपों को बंद किया
सरकार द्वारा हाल ही में ऐसे तीन लाख से अधिक ग्रुपों को बंद किया गया था। परंतु ठगों ने दूसरे नंबरों का सहारा लेकर दोबारा ग्रुप बना दिए। टेलीग्राम की इस लापरवाही और एप में मॉडरेटर की कमी होने के चलते आपराधिक गतिविधियां बढ़ने से बीते दिनों टेलीग्राम के सीइओ पावेल ड्युरोव को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। परंतु अब तक एप में इस तरह की गतिविधियों की रोकथाम के कोई प्रयास नहीं हुए।