रतलाम में क्लोरीन गैस रिसाव के बाद मची अफरा-तफरी, फैक्ट्री सील, संचालक पर केस दर्ज
रतलाम के जावरा औद्योगिक क्षेत्र में केमिक लैबोरेटरीज में क्लोरीन गैस का रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने फैक्ट्री सील कर संचालक पर मामला दर्ज क ...और पढ़ें

गैस रिसाव के बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। रतलाम के जावरा औद्योगिक क्षेत्र में कुम्हारी स्थित जिस केमिक लैबोरेटरीज में शनिवार शाम को 25 साल पुराने क्लोरीन गैस सिलेंडर से रिसाव हुआ, उसे पुलिस ने सील कर दिया है। इसके साथ ही फैक्ट्री संचालक शाहिद खान के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच में फैक्ट्री में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के आवश्यक उपकरण मौजूद नहीं होने व लापरवाही से क्लोरीन गैस रिसाव होने की बात सामने आई है।
मची अफरा-तफरी, भागे कर्मचारी
फेरिक सल्फेट बनाने की फैक्ट्री केमिक लैबोरेटरीज में शनिवार शाम क्लोरीन गैस फैलते ही अफरातफरी की स्थिति बन गई और कर्मचारी जान बचाने के लिए बाहर की ओर दौड़ पड़े। सूचना पर फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंचा। इस दौरान गैस रिसाव में दमकलकर्मी पुष्कर, बालाराम व कुलदीप गैस की चपेट में आ गए थे। तीनों का उपचार किया जा रहा है। रिसाव में पास की ही एक अन्य फैक्ट्री में कार्य करने वाले दो कर्मचारी शब्बीर खान, पंकज माली भी प्रभावित हुए, जिन्हें निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती किया गया था। दोनों को रविवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
वाल्व तोड़ते ही निकला धुएं का गुबार
क्लोरीन रिसाव के बाद रतलाम से पहुंचे केमिकल एक्सपर्ट ने सिलेंडर में गैस रिसाव वाले स्थान पर लकड़ी की कॉक लगाकर रिसाव रोका। इसके बाद पहुंची नागदा ग्रेसिम की टीम ने पानी से भरे एक बड़े डोम में कास्टिक सोडा मिलाकर उसमें सिलेंडर को रख कर हथौड़ी से उसका वाल्व तोड़ा। जैसे ही क्लोरिन कास्टिक सोडे के संपर्क में आई सिलेंडर से एक जोरदार धुएं का गुबार निकला। एक सिलेंडर 95 किलोग्राम का होता है, जिसमें 55 किलो तक क्लोरीन गैस भरी जाती है। जिस सिलेंडर से गैस रिसाव हुआ है, उसमें दो से तीन किलो गैस होने की जानकारी सामने आई है।
बचाव के तरीके पता नहीं, पानी डालने से और बिगड़े हालात
सीएसपी जावरा युवराज सिंह चौहान ने बताया क्लोरीन गैस की चपेट में आने पर पुलिस टीम को भी खांसी और आंखों में जलन होने लगी थी। इंटरनेट सर्च से क्लोरीन गैस से बचाव के उपाय जानकर पुलिस ने गीले कपड़े मुंह पर बांधे और प्लास्टिक की बोरी से सिलेंडर ढककर बाहर निकाला। फायर ब्रिगेड अमले के तीनों कर्मचारियों ने अंदर सिलेंडर पर पानी डाला, जिसके चलते क्लोरीन गैस का असर और तेज हो गया। इसके चलते बाद सायरन और पीए सिस्टम से आसपास की फैक्ट्रियों के कर्मचारियों को तत्काल बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा।

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