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उज्जैन महाकाल मंदिर में मिलने वाला प्रसाद पूरी तरह शुद्ध, 13 टेस्ट में हुआ पास

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मिलने वाला लड्डू के प्रसाद की जांच की गई और जांच में पाया गया ये लड्डू पूरी तरह शुद्ध है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का लड्डू प्रसाद खाद्य सुरक्षा नियमों के 13 मापदंडों पर खरा उतरा है जिससे भक्तों में खुशी की लहर है। प्रसाद बनाने के लिए 40 मीट्रिक टन घी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 06 Oct 2024 03:42 PM (IST)
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महाकाल मंदिर में मिलने वाले प्रसाद की हुई जांच (फाइल फोटो)
एएनआई, उज्जैन। उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मिलने वाला लड्डू के प्रसाद की जांच की गई और जांच में पाया गया ये लड्डू पूरी तरह शुद्ध है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का लड्डू प्रसाद खाद्य सुरक्षा नियमों के 13 मापदंडों पर खरा उतरा है, जिससे भक्तों में खुशी की लहर है।

उज्जैन संभागीय आयुक्त संजय गुप्ता के अनुसार, लड्डू प्रसाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की कुछ मान्यता प्राप्त लैब द्वारा किए गए 13 विभिन्न प्रकार के टेस्ट से गुजरना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रसाद में चार मुख्य सामग्रियां थीं, जो है- शुद्ध घी, बेसन, रवा और चीनी जिनमें से सबसे महंगी सामग्री शुद्ध घी है।

प्रसाद बनाने के लिए 40 टन घी का होता इस्तेमाल

संजय गुप्ता ने कहा कि यहां प्रतिदिन प्रसाद बनाने के लिए 40 मीट्रिक टन घी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका निर्माण राज्य सरकार की सहकारी संस्था उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा किया जाता है। संजय गुप्ता ने आगे कहा, 'एक भक्त ने (महाकालेश्वर मंदिर) के लड्डू प्रसाद का भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अनुमोदित लैब में टेस्ट कराया। उन्होंने 13 अलग-अलग टेस्ट किए। यह बहुत खुशी की बात है कि प्रसाद सभी 13 मानदंडों (घी, बेसन, चीनी और रवा) पर खरा उतरा।

प्रसाद 4 मुख्य सामग्रियों से बनाया जाता

प्रसाद 4 मुख्य सामग्रियों का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है... इसमें शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाता है... यह घी राज्य सरकार की सहकारी संस्था उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा बनाया जाता है। गुप्ता ने आगे यह भी अनुरोध किया कि तिरूपति देवस्थान उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा निर्मित सांची घी का उपयोग करे। उन्होंने आगे कहा कि इसका पूरा श्रेय उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की प्रबंधन समिति को जाता है, जो प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखती है।

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