महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए गहराया संकट, Leader of Opposition के लिए कितनी सीटें जरूरी?
महाराष्ट्र में एक बार फिर से महायुति की सरकार बनने जा रही है। रुझानों में महायुति को शानदार जीत मिली है। वहीं एमवीए को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी नेता के लिए भी संकट गहरा रहा है। महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए विपक्ष में बैठे किसी दल के पास 29 सीटें होनी चाहिए।
Maharashtra Assembly Election results: महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। दोपहर 1 बजे तक आए रुझानों में महाराष्ट्र में महायुति सरकार की फिर से वापसी होने जा रही है।
वहीं, झारखंड में भी जेएमएम सरकार वापसी करते नजर आ रही है। दोनों राज्यों के लोगों ने वर्तमान सरकार पर ही भरोसा जताया है।महाराष्ट्र के रुझानों के अनुसार दोपहर 1 बजे तक बीजेपी+ 221 सीटो पर आगे है। Congress+ 55 सीटों पर आगे है। झारखंड में इंडिया गठबंधन 51 सीटों पर बढ़त बताए हुए है। वहीं, एनडीए गठबंधन 28 सीटों पर आगे है।
इन चुनावी नतीजों के बीच लोगों के मन में दो सवाल आ रहे हैं। पहला दोनों राज्यों में सीएम कौन बनेगा और जो पार्टी विपक्ष में होगी, उसके नेता चयन कैसे होगा। इस ऑर्टिकल में आपको हम बताएंगे कि विधानसभा में विपक्ष का नेता चुनने की प्रक्रिया क्या होती है।
कैसे चुना जाता है विपक्ष का नेता?
विधानसभा में भी विपक्ष का नेता चुनने के लिए वही नियम अपनाए जाते हैं, जो संसद में लागू होते हैं। हालांकि, किसी विशेष परिस्थिति और राज्यों के सीमांकन के कारण कुछ राज्यों में ये नियम अपवाद हो सकता है। विधानसभा में विपक्ष में बैठी सबसे बड़ी पार्टी किसी एक विधायक को अपना नेता चुनती है। हालांकि, विपक्ष का नेता तभी बनाया जा सकता है, जब किसी विपक्षी राजनीतिक दल के पास राज्य की कुल विधानसभा सीटों की संख्या की 10 प्रतिशत सीट हो।नेता प्रतिपक्ष कैबिनेट मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का हकदार होता है। इसमें समझने वाली बात है कि 10 प्रतिशत या इससे अधिक विधायकों की संख्या किसी एक दल की होनी चाहिए, गठबंधन की नहीं। आपको जानना चाहिए कि विपक्ष के नेता के पद का उल्लेख संविधान में नहीं है।
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