इस शख्स ने 6 महीने में लिखकर तैयार किया था संविधान, Constitution Day पर पढ़िए इससे जुड़े कुछ अन्य फैक्ट्स
साल 1949 में देश का संविधान तैयार होने के बाद भी इसे लागू 1950 में किया गया था। इसके पीछे की खास वजह यह थी कि 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने देश की पूर्ण आजादी का नारा दिया था। इसी की याद में संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 तक इंतजार किया गया था। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। देश आज अपना 75वां संविधान दिवस मना रहा है। इस अवसर पर एक विशेष कार्यक्रमत का आयोजन किया गया है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, समेत अन्य लोग मौजूद रहे हैं। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि, हमारा संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। हमारे संविधान के माध्यम से, हमने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया है। बता दें कि डॉ. बाबा साहेब भीमराव आंबे़डकर के नेतृत्व में तैयार हुए संविधान को साल 1949 में अपनाया गया था। हालांकि, इसे लागू होने में वक्त लगा और यह 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इसी क्रम पर आइए जानते हैं इस दिवस से जुड़े कुछ अन्य फैक्ट्स।
- मानवेंद्र नाथ रॉय वे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने साल 1934 में संविधान सभा बनाने का विचार प्रस्तावित किया था, जो आगे चलकर साल 1935 में राष्ट्रीय कांग्रेस की आधिकारिक मांग बन गई थी। -शांतिनिकेतन कलाकारों ने ब्योहार राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस सहित अन्य कलाकारों ने हस्तलिखित संविधान के हर पेज को सजाने का काम किया था।
- भारत का संविधान प्रेम बिहारी नारायण द्वारा हिंदी और अंग्रेजी दोनों में हाथ लिखा गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रेम बिहार को इसे हाथ से लिखने में 6 महीने का वक्त लग गया था।
-भारत के संविधान की ओरिजनल कॉपी भारतीय संसद के लाइब्रेरी में हीलियम से भरे डिब्बों में संरक्षित की गई हैं।-भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने और प्रकाशित करने में एक रिपोर्ट के मुताबिक 6.4 मिलियन रुपये की लागत आई।- संविधान सभा में कुल 379 सदस्य थे, जिसमें 15 महिलाएं थीं। संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे।
- ओरिजनल संविधान में 395 अनुच्छेद थे, जो साल 2021 तक बढ़कर 470 अनुच्छेद हो गए हैं, जिन्हें 25 भागों, 12 अनुसूचियों और पांच परिशिष्टों में बांटा गया है।-साल 1949 में देश का संविधान तैयार होने के बाद भी इसे लागू 1950 में किया गया था। इसके पीछे की खास वजह यह थी कि 26 जनवरी, 1930 को कांग्रेस ने देश की पूर्ण आजादी का नारा दिया था। इसी की याद में संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी, 1950 तक इंतजार किया गया था।
- देश का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हैं। इसमें 117,369 शब्द हैं। बता दें कि संविधान के पहले मसौदे को फाइनल करने से पहले 2,000 संशोधन हुए थे।यह भी पढ़ें: देश के 50वें CJI हैं डीवाई चंद्रचूड़, जानिए इनके बारे में और समझें कैसे होती है मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति