Badlapur Encounter बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस द्वारा जवाबी फायरिंग में सोमवार को गोली लगने से मौत हो गई। सोमवार शाम यह घटना मुंब्रा बाईपास के पास उस समय घटी जब अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से ठाणे ले जाया जा रहा था। उसने एक पुलिस कर्मी की बंदूक छीन ली और उसे गोली मारकर घायल कर दिया। पुलिस की जवाबी गोलीबारी में मारा गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। (Badlapur Encounter) महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म मामले (Badlapur Rape Case) के मुख्य आरोपित अक्षय शिंदे (Akshay Shinde) की सोमवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। अक्षय शिंदे और पुलिस के बीच उस वक्त मुठभेड़ हुई, जब उसे इलाज के लिए तलोजा जेल से ठाणे ले जाया जा रहा था।
एनकाउंटर में ढेर बदलापुर का आरोपी
बदलापुर एनकाउंटर की घटना के बाद पुलिस ने बताया कि जब आरोपी को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, उस वक्त उसने एक कांस्टेबल की बंदूक छीन ली और पुलिस अधिकारी पर गोली चला दी। इस गोलीबारी में सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे घायल हो गए। पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने आखिरी गोली चलाई, जिसमें वह घायल हो गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट संजय शिंदे
संजय शिंदे को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता है। वह ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस प्रदीप शर्मा के साथ भी काम कर चुके हैं। आईपीएस प्रदीप शर्मा ने अपने करियर में 100 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर किया है। प्रदीप शर्मा नेटफ्लिक्स की डॉक्यूसीरीज 'मुंबई माफिया: पुलिस बनाम अंडरवर्ल्ड' में भी काम कर चुके हैं।
संजय शिंदे ने दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट
संजय शिंदे ने 2017 में जबरन वसूली के एक मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के भाई इकबाल कासकर को ठाणे से गिरफ्तार किया था। संजय शिंदे पहले मुंबई पुलिस में काम कर चुके हैं। संजय शिंदे को महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित स्पेशल जांच टीम SIT में शामिल किया गया, जो बदलापुर रेप मामले की जांच कर रही है।
विवादों में भी रहे हैं संजय शिंदे
संजय शिंदे का विवादों से भी नाता रहा है। 2012 में दो हत्या मामलों के आरोपी विजय पलांडे के पुलिस हिरासत से भागने के बाद उनसे पूछताछ की गई थी। उनकी वर्दी उस एसयूवी में मिली थी जिसमें पलांडे कथित तौर पर भागा था। रिपोर्ट के अनुसार, उनपर एक अन्य पुलिसकर्मी के साथ गोलीबारी का भी आरोप लग चुका है। उसके खिलाफ जांच भी की गई थी।
परिवार ने बताया फर्जी एनकाउंटर
बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के परिवार के सदस्यों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया। शिंदे के परिजनों ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में कबूलनामे के लिए उस पर जबरन दबाव डाला जा रहा था। शिंदे की मां और चाचा ने कि यह कहना गलत है कि उसने पहले पुलिसकर्मी की बंदूक छीनी और उस पर गोली चलाई और बाद में पुलिस ने आत्मरक्षा में उस पर गोली चलाई। पुलिस ने उससे दबाव में यह इकबालिया बयान लिखवाया कि उसने अपराध किया है।
पटाखे फोड़ने से भी डरता था शिंदे
अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की जांच होनी चाहिए। उसकी मां और चाचा ने आरोप लगाया कि यह पुलिस और बदलापुर स्कूल के प्रबंधन की साजिश है। उन्होंने दावा किया कि अक्षय ने अपने परिजनों से कहा था कि पुलिस हिरासत में उसे पीटा जा रहा है और उसने पैसे मांगने के लिए एक चिट भी भेजी थी। मेरा बेटा पटाखे फोड़ने और सड़क पार करने से भी डरता था। वह पुलिसकर्मियों पर गोली कैसे चला सकता है? अक्षय के खिलाफ इस मामलों में अभी आरोप भी साबित नहीं हुए थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार रात कहा कि शिंदे की मौत के कारणों की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। ठाणे के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिंदे के शव को मंगलवार सुबह ठाणे के कलवा सिविक अस्पताल से पड़ोसी मुंबई के सरकारी जे जे अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। उन्होंने बताया कि जे जे अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। जल्द ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ जाएगी।
क्या है बदलापुर दुष्कर्म कांड?
पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। बदलापुर के स्कूल में सफाईकर्मी अक्षय शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पांच दिन पहले उसने स्कूल के शौचालय में दो लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था।
भाजपा ने विपक्ष पर साधा निशाना
बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी की मुठभेड़ में मौत पर भाजपा ने विपक्ष पर हमला साधा और विपक्षी गठबंधन को "बलात्कारी बचाओ गठबंधन" बताया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि एक तरफ महाराष्ट्र और बदलापुर ने राहत की सांस ली है, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल एक बलात्कारी की मौत पर शोक मना रहे हैं। क्या यह 'बलात्कारी बचाओ गठबंधन' है?
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