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'मोदीनॉमिक्स भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अभिशाप', मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर देश की अर्थव्यवस्था को लेकर तंजा कसा है उन्होंने कहा पीएम मोदी अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित करने वाली विफलताओं पर पर्दा नहीं डाल सकते। कांग्रेस नेता ने कहा अपनी पुरानी बातों को इस तरह दोहराते हुए पीएम मोदी सामने आ रही विफलताओं पर पर्दा नहीं डाल सकते। मोदीनॉमिक्स भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अभिशाप है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 06 Oct 2024 04:42 PM (IST)
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मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम पर अर्थव्यवस्था को लेकर साधा निशाना (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर देश की अर्थव्यवस्था को लेकर तंजा कसा है, उन्होंने कहा, पीएम मोदी अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित करने वाली 'विफलताओं' पर पर्दा नहीं डाल सकते। कांग्रेस नेता ने कहा, अपनी पुरानी बातों को इस तरह दोहराते हुए पीएम मोदी सामने आ रही विफलताओं' पर पर्दा नहीं डाल सकते।

मोदीनॉमिक्स भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अभिशाप है। उन्होंने एक्स पर कहा, घरेलू ऋण, समान में बढ़ोतरी, विनिर्माण क्षेत्र की समस्याओं जैसे मुद्दों को उठाते हुए दावा किया कि मेक इन इंडिया शानदार रूप से विफल रहा है।

'भारतीय परिवारों की खपत उनकी आय से अधिक'

खरगे ने आगे कहा कि 2013-14 से 2022-23 तक घरेलू देनदारियां/ऋणग्रस्तता 241 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई है। खरगे ने आगे बताया कि घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर है और COVID-19 महामारी के बाद से, भारतीय परिवारों की खपत उनकी आय से अधिक है।

खरगे ने ये भी कहा, घर में बनी वेज थाली की कीमत सितंबर 2024 में पिछले साल की तुलना में 11 फीसदी बढ़ गई। बीजेपी ने थोपी महंगाई और असंगठित क्षेत्र की बर्बादी इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार है। खरगे ने कहा, '10 वर्षों में 'मेक इन इंडिया' आश्चर्यजनक रूप से विफल रहा है क्योंकि कांग्रेस-यूपीए के दौरान भारत के बढ़ते निर्यात के लाभ को आपकी नीतियों ने खारिज कर दिया है।'

'2023-24 के बीच ग्रोथ रेट 3.1 प्रतिशत रहा'

उन्होंने कहा, इस बात में कोई आश्चर्य नहीं 2014-15 और 2023-24 के बीच विनिर्माण क्षेत्र की औसत वृद्धि दर सिर्फ 3.1 प्रतिशत (बीजेपी-एनडीए) है जबकि 2004-05 और 2013-14 के बीच औसत वृद्धि दर 7.85 प्रतिशत थी। खरगे ने ये भी कहा, इस 'विनाशकारी नीति' ने विनिर्माण क्षेत्र में कार्यरत मजदूरी की हिस्सेदारी 15.85 प्रतिशत (2017-18) से घटाकर 11.4 प्रतिशत (2023-24) कर दी है।